कुँडुख स्कूल मंगलो अब होगा आवासीय, कुँडुख भाषा को व्यवहार में लाना होगा आसान
कुँडुख स्कूल मंगलो अब होगा आवासीय, कुँडुख भाषा को व्यवहार में लाना होगा आसान
कुद्दोय न बेद्दोय ओक्कोय न ख़क्खोय ,पुरखर घी आ:इनका कत्था। हम सभी कुँडुख़ समुदाय को उन्हे कुँडुख थिंकर की उपाधि देनी चाहिए। उपाधि हमारे कुँडुख भाषा को उंचाई तक ले जाने में एक साथी रुप में प्रस्तुत होगा। कभी कभी मैं आश्चर्यचकित हुआ हूँ कि सुनने में मार्ग दर्शन-भार जैसे फिलिंग हुई। लेकिन बताए मार्ग पर चलना बिल्कुल आसान था, ज्ञानप्रद, आनंदमय और शिक्षाप्रद था, वह मेरे लिए एक प्रेरणास्रोत बन कर उभर रहे हैं। यह लम्बे वक्त का अनुभव है।