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KT MAG 06

Kurukh Times बहुभाषीय पत्रिका का छठा अंक प्रकाशित हो चुका है। अपनी खास साज-सज्‍जा और समृद्ध लेखों से परिपूर्ण यह पत्र…

Kurukh Times Magazine Vol 05

कुंड़ुख टाइम्‍स (वेब संस्‍करण) का अक्‍टूबर से दिसंबर 2022 / अंक 5 का यह संस्‍करण काफी पठनीय है। आप इसे यहां ऑनलाइन पढ…

Dhumkuria Book

धुमकुड़िया, उराँव आदिवासी समाज की एक पारम्परिक सामाजिक, व्यक्तित्व एवं कौशल विकास केन्द्र है। प्राचीन काल से ही यह, गा…

Kurukh Times print edition 04
कुंड़ुख टाइम्‍स त्रैमासिक पत्रिका का चतुर्थ (4th)अंक प्रकाशित हो गया है। यह अंक 'बिसुसेन्‍दरा विशेषांक' है। यह अंक Tata
शब्‍दावली बैठक 1

दिनांक 01 मई 2022, दिन रविवार को आदिवासी उराँव समाज समिति, बिरसा नगर, जोन न०-6, जमशेदपुर में ‘‘कुँड़ुख़ व्याकरण की पार…

KurukhTimes.com Print Edition Vol. 1

आपको तो पता है कि हमारा-आपका एक और वेबसाइट KurukhTimes.com लम्‍बे समय से आपको कुंड़ुख जगत की खबरें, सूचनाएं और शोध आद…

पहेलियां..

कुंड़ुख़ भाषा में पहेलियों का प्रयोग बखुबी होता है। बच्चों के लिए यह बौदि्धक एवं भाषा विकास का एक अनोखा तरीका है जिसे स…

कुड़ुख मुहावरे

कुंड़ुख़ भाषा में मुहावरा एवं कहावत का प्रयोग बखुबी होता है। कई असहज बातों को इससे आसानी से समझा जाता है। आइये इसे जाने…

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उरांव आदिवासी में प्रचलित रूढ़िगत विवाह के प्रकार पर परिचर्चा / श्रृंखला की कड़ी 3

1 hour 15 minutes ago
उरांव आदिवासी में प्रचलित रूढ़िगत विवाह के प्रकार पर परिचर्चा / श्रृंखला की कड़ी 3 admin Tue, 06/06/2023 - 10:03

दिनांक - 4  जून , 2023  को , 10:30 - 12:30 बजे तक, आदिवासी कॉलेज छात्रावास पुस्तकालय, करमटोली, रांची (झारखंड) में, आदिवासी शोध एवं सामाजिक सशक्तीकरण अभियान की  श्रृंखला 3/2023 में "उरांव आदिवासी में प्रचलित रूढ़िगत विवाह के प्रकार" विषय पर चर्चा हुई . 
चर्चा की शुरुवात के पहले उपस्थित लोगो द्वारा  दिवंगत डॉ.करमा  उरांव के सम्मान में  श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया, तत्पश्चात प्रो.रामचंद्र उरांव ने विषय की  महत्ता पर प्रकाश डालते हुए  विषय प्रवेश कराया. 

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आदिवासी समाज में सच और झूठ के बीच ईर्ष्या द्वेष की दीवार

1 day ago
आदिवासी समाज में सच और झूठ के बीच ईर्ष्या द्वेष की दीवार admin Mon, 06/05/2023 - 10:29

ईर्ष्या द्वेष और मैजिकल माइंडसेट आदिवासी समाज और खासकर संताल समाज में इतना ज्यादा है कि भले सच्चाई दब जाए ? समाज मिट जाए ? मगर हम किसी को उसकी मेहनत, मेरिट और सफलता का श्रेय नहीं देंगे ? क्यों देंगे ?

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पारम्परिक मौसम विज्ञानी द्वारा मानसून का पूर्वानुमान : 2023 के लिए

1 week 1 day ago
पारम्परिक मौसम विज्ञानी द्वारा मानसून का पूर्वानुमान : 2023 के लिए

गुमला : जिला, सिसई : थाना के सैन्दा ग्राम निवासी श्री गजेन्द्र उराँव, पिता स्व0 डुक्का उरांव, उम्र 67 वर्ष द्वारा दिनांक 28 मई 2023, दिन रविवार को बिशुनपुर (गुमला) में वर्ष 2023 का मानसून पूर्वानुमान किया गया। श्री गजेन्द्र उरांव विगत 10 वर्षों से लगातार परम्परागत तरीके से बोये जाने वाले धान के बीज को देखकर, मानसून पूर्वानुमान किया करते हैं, जो लगभग खरा उतर रहा है। उराँव परम्परा के मानसून पूर्वानुमान में पूरे मानसून को तीन चरण में वर्गीकृत किया गया है। पहला चरण - पच्चो करम से हरियनी पूजा तक। दूसरा चरण - हरियनी पूजा से करम पूजा तक तथा तीसरा चरण - करम पूजा से सोहरई पूजा तक। परम्परागत आदिवासी

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तोलोंग सिकि कुंड़ुख साहित्‍यमाला (दोनों भाग)

1 week 2 days ago
तोलोंग सिकि कुंड़ुख साहित्‍यमाला (दोनों भाग)

तोलोंग सिकि कुंड़ुख़ कत्थपुन नामक यह पुस्तक वर्ष 1989 से 2022 तक का कुंड़ुख़ (उरांव) भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि विकास का इतिहास है। इस पुस्तक का प्रकाशन टाटा स्टील फाउंडेशन, जमशेदपुर के तकनीकी सहयोग से अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची द्वारा किया गया है। यह मूल पुस्तक का पीडीएफ वर्ज़न है। इस पुस्तक में उद्धृत तथ्यों की जानकारी हेतु नीचे पीडीएफ देखें।

यह साहित्‍यमाला दो हिस्‍सों में है। पीडीएफ में पहला हिस्‍सा पेज 1 से 157 तक और शेष दूसरा हिस्‍सा पेज 158 से शुरू होगा। आप चाहें तो इस पीडीएफ को डाउनलोड भी कर सकते हैं। 

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परम्‍परागत पड़हा बिसु सेन्‍दरा सम्‍मेलन सिसई भरनो 2023 सम्‍पन्‍न

1 week 5 days ago
परम्‍परागत पड़हा बिसु सेन्‍दरा सम्‍मेलन सिसई भरनो 2023 सम्‍पन्‍न admin Wed, 05/24/2023 - 11:40

भारतीय संसद द्वारा पारित पेसा कानून 1996 (PESA ACT 1996) के Section 4 (d) के अन्तर्गत दिनांक 20 एवं 21 मई 2022 दिन शनिवार एवं रविवार को 9 पड़हा गांव, 7 पड़हा गांव एवं

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कुंड़ु़ुख भाषा केंद्रों पर टाटा स्‍टील फाउन्‍डेशन द्वारा मानदेय का वितरण व कार्यसमीक्षा संपन्‍न

2 weeks 3 days ago
कुंड़ु़ुख भाषा केंद्रों पर टाटा स्‍टील फाउन्‍डेशन द्वारा मानदेय का वितरण व कार्यसमीक्षा संपन्‍न admin Fri, 05/19/2023 - 20:54

दिनांक 17 मई 2023 दिन बुधवार को टाटा स्टील फाउंडेशन, जमशेदपुर एवं अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची के संयुक्त तत्वावधान में संचालित कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षा केन्द्र का टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर के अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया। यह बैठक बेड़ो प्रखंड के मनख़ा मुण्डा स्थान पर कईली दइई कुंड़ुख़ लूरकुड़िया, बेड़ो के छात्रावास में सम्पन्न हुआ। टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर की ओर से श्री बिरेन तिऊ एवं श्री रामचंद्र टुडु उपस्थित थे। वहीं अद्दी अखड़ा रांची संस्था की ओर से अध्यक्ष श्री जिता उरांव, उपाध्यक्ष श्री सरन उरांव, संयुक्त सचिव श्री भईया रमन कुजूर, कोषाध्य

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उरांव समाज में सम्‍बन्‍ध विच्‍छेद की प्रक्रिया : एक लोकगीत में

2 weeks 4 days ago
उरांव समाज में सम्‍बन्‍ध विच्‍छेद की प्रक्रिया : एक लोकगीत में

यह विडियो 17 मई 2023  को शूट किया गया है। इस विडियो में गायिका श्री मती सुशीला टोप्पो, पति श्री रन्थु उरांव द्वारा अपने गीत में परम्परागत उरांव समाज में प्रचलित वैयक्तिक प्रेम के चलते अपने वैवाहिक संबंध तोड़ने के लिए एक बहन अपने भाई से निवेदन करती है। भाई कहता है - जाओ बहन जाओ, दामाद बाबू ले जाने के लिए आये हैं। इसपर बहन कहती है - नहीं भैया नहीं, मैं ससुराल नहीं जाउंगी,  मेरा हमउम्र साथी, मुझसे अत्यधिक प्रेम करता है। इसलिए हे भैया - आप मेरा डली ढिबा वापस कर दीजिए। मैं ससुराल नहीं जाउंगी। परम्परागत उरांव आदिवासी समाज में विवाह विच्छेद के लिए डली ढिबा (विवाह रस्म के शगून का प्रतीक धनराशि जिसे

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डॉ करमा उरांव नहीं रहे

3 weeks 1 day ago
डॉ करमा उरांव नहीं रहे

रांची: झारखंड के जाने माने शिक्षाविद डॉ करमा उरांव नहीं रहे। रविवार (14 मई 2023) सुबह उनका निधन हो गया। डॉ करमा कुछ समय से बीमार चल रहे थे। हफ्ते में दो बार डायलिसिस चलता था। वे डायबिटीज और हाइपरटेंशन से पीडि़त थे। गत वर्ष कोरोना काल में उनके बड़े बेटे का देहांत हो गया था। डॉ करमा अपने परिवार के साथ मोराबादी स्थित आवास में रह रहे थे। वह अपने पीछे अपनी पत्‍नी, छोटा पुत्र और पुत्री (विवाहिता) छोड़ गये हैं। बड़े बेटे की पत्‍नी और पौत्र मुंबई में रहते हैं। यह जानकारी डॉ करमा के परिचितों से मिली है। उनके निधन पर झारखंड और आसपास के राज्‍यों में, खासकर आदिवासी समाज में, शोक व्‍याप गया है। डॉ करमा

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