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KT MAG 06

Kurukh Times बहुभाषीय पत्रिका का छठा अंक प्रकाशित हो चुका है। अपनी खास साज-सज्‍जा और समृद्ध लेखों से परिपूर्ण यह पत्र…

Kurukh Times Magazine Vol 05

कुंड़ुख टाइम्‍स (वेब संस्‍करण) का अक्‍टूबर से दिसंबर 2022 / अंक 5 का यह संस्‍करण काफी पठनीय है। आप इसे यहां ऑनलाइन पढ…

Dhumkuria Book

धुमकुड़िया, उराँव आदिवासी समाज की एक पारम्परिक सामाजिक, व्यक्तित्व एवं कौशल विकास केन्द्र है। प्राचीन काल से ही यह, गा…

Kurukh Times print edition 04
कुंड़ुख टाइम्‍स त्रैमासिक पत्रिका का चतुर्थ (4th)अंक प्रकाशित हो गया है। यह अंक 'बिसुसेन्‍दरा विशेषांक' है। यह अंक Tata
शब्‍दावली बैठक 1

दिनांक 01 मई 2022, दिन रविवार को आदिवासी उराँव समाज समिति, बिरसा नगर, जोन न०-6, जमशेदपुर में ‘‘कुँड़ुख़ व्याकरण की पार…

KurukhTimes.com Print Edition Vol. 1

आपको तो पता है कि हमारा-आपका एक और वेबसाइट KurukhTimes.com लम्‍बे समय से आपको कुंड़ुख जगत की खबरें, सूचनाएं और शोध आद…

पहेलियां..

कुंड़ुख़ भाषा में पहेलियों का प्रयोग बखुबी होता है। बच्चों के लिए यह बौदि्धक एवं भाषा विकास का एक अनोखा तरीका है जिसे स…

कुड़ुख मुहावरे

कुंड़ुख़ भाषा में मुहावरा एवं कहावत का प्रयोग बखुबी होता है। कई असहज बातों को इससे आसानी से समझा जाता है। आइये इसे जाने…

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कुंड़ुख भाषा - तोलोंग सिकि लिपि पर राष्‍ट्रीय सेमिनार का दूसरा दिन

2 weeks 3 days ago
कुंड़ुख भाषा - तोलोंग सिकि लिपि पर राष्‍ट्रीय सेमिनार का दूसरा दिन

दिनांक 02 एवं 03 अक्टुवर 2024 को कुड़ुख़ भाषा की दशा एवं दिशा विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार, कुड़ुख़ भाषा एवं सांस्कृतिक पुनरूत्थान केन्द, बम्हनी  गुमला में सम्पन्न हुआ। इस सेमिनार में दिनांक 03 अक्टुवर 2024  किये गये  प्रस्तुति में से कुड़ख़ भाषा तोलोंग सिकि और उरांव समाज की भूमिका विषय किए गए प्रस्तुति का पीडीएफ आप सभी के समक्ष प्रस्तुत है -

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बम्हनी, गुमला में कुड़ुख़ भाषा की दशा एवं दिशा विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू

2 weeks 4 days ago
बम्हनी, गुमला में कुड़ुख़ भाषा की दशा एवं दिशा विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू admin Fri, 10/04/2024 - 17:48

दिनांक- 02 अक्टूबर 2024, दिन- बुधवार को गुमला जिले के कुँड़ुख भाषा एवं सांस्कृतिक पुनरूत्थान केन्द्र, बम्हनी में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत हुई। प्रथम दिन की सेमिनार की अध्यक्षता कुँड़ुख विभागाध्यक्ष, डॉ नारायण भगत द्वारा किया गया। मंच संचालन कमल उरांव द्वारा किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के पुर्व कुलपति डॉ रविंद्र भगत उपस्थित होकर संबोधित किए। कार्यक्रम के आरंभ में मंच पर कई दिग्गज जनों ने आसन ग्रहण किया और उरांव/कुँड़ुख भाषा की महत्व एवं विकास पर विचार साझा किए। इनमें साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सदस्य श्री महादेव टोप्पो, पुर्व मंत्री श्र

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टाटा फाउन्‍डेशन द्वारा संचालित तोलोंग सिकि सह कुंड़ुख भाषा शिक्षण केंद्र बलसोता के बच्चों का शैक्षिक भ्रमण संपन्‍न

2 weeks 4 days ago
टाटा फाउन्‍डेशन द्वारा संचालित तोलोंग सिकि सह कुंड़ुख भाषा शिक्षण केंद्र बलसोता के बच्चों का शैक्षिक भ्रमण संपन्‍न admin Fri, 10/04/2024 - 17:36

आज दिनांक 02/09/2024 को टाटा स्टील फाउन्‍डेशन द्वारा संचालित तोलोंग सिकि सह कुंड़ुख भाषा शिक्षण केंद्र आशा आदिवासी विद्यालय बलसोता सरना टोली भण्डरा के बच्चों को शैक्षिक भ्रमण के लिए  130 बच्चे और 15 शिक्षण-कर्मी सुबह 8 बजे दो बस में रवाना हुए। साथ में मंदर और झांझ के साथ करम और जतरा गीतो में झुमते हुए कब  और कैसे दो घंटा बिता पता ही नहीं चला और 10 बजे ओरमांझी पहुंचे भगवान बिरसा जैविक उद्यान ओरमांझी परिसर में सभी पुड़ी सब्जी खाने के बाद  निशुल्क प्रवेश था। जैविक उद्यान में प्रवेश करते ही रंग-बिरंगे छोटे - छोटे और शुतुरमुर्ग जैसे बड़े पक्षी देख कर बच्चे बहुत खुश हुए फिर बाघ, चीता, शेर और भालू

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कुँड़ुख भाषा और पुथी जतरा से साहित्य की विकास की अधिक संभावना: महादेव टोप्पो

3 weeks ago
कुँड़ुख भाषा और पुथी जतरा से साहित्य की विकास की अधिक संभावना: महादेव टोप्पो admin Tue, 10/01/2024 - 18:11

दिनांक 28/09/2024 को सुबह 10.00 बजे से 2.00 बजे तक विश्वविद्यालय कुँड़ुख विभाग, रांची विश्वविद्यालय, रांची के परिसर में ‘कुँड़ुख व्याकरणिक शब्दावली एवं शब्द रचना’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में कुँड़ुख शब्द एवं व्याकरण को लेकर गहन चर्चा की गई। बैठक में में यह निर्णय लिया गया कि भविष्य में व्याकरण लेखन कार्य मानकीकरण एवं संशोधन को ध्यान में रखकर पुस्तक प्रकाशन की अपील किया करेंगे। वहीं अद्दी अखड़ा संस्था की ओर से कुँड़ुख विभाग को कुँड़ुख पुस्तकें एवं त्रैमासिक पत्रिकाएं भेंट की गई। प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए विशेष कुँड़ुख व्याकरण न होना की समस्या सामने आई। डॉ ना

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पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में  उल्लेखनीय कार्य करने वाले झारखंड के तीन आदिवासी हस्तियों को राष्ट्रीय सम्मान

3 weeks ago
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में  उल्लेखनीय कार्य करने वाले झारखंड के तीन आदिवासी हस्तियों को राष्ट्रीय सम्मान admin Mon, 09/30/2024 - 19:25

देश और दुनिया में प्राकृतिक और सामाजिक पर्यावरण के बढ़ते संकट पर विचार करने और इसके समाधान के  उपायों को साझा करने के लिए रांची प्रेस क्लब  में 29 सितंबर 2024 को सावित्रीबाई सेवा फाउंडेशन पुणे के मदद से पर्यावरण संरक्षण के मसीहा अनुपम मिश्र के याद में गोदावरी देवी फाउंडेशन, रांची की ओर से पर्यावरण संरक्षण से  जुड़े देश भर  के  30 हस्तियों को  सम्मानित किया गया । जिसमें पारंपरिक स्वाशासन पड़हा व्यवस्था लोहरदगा  के संयोजक श्री विनोद भगत एवं देवान श्री संजीव  भगत  और आदिवासी पत्रकार बरखा लकड़ा  को राष्ट्रीय पर्यावरण सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया । 

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स्‍व. डॉ निर्मल मिंज की पत्‍नी परक्‍लेता मेरियन मिंज नहीं रहीं!

1 month ago
स्‍व. डॉ निर्मल मिंज की पत्‍नी परक्‍लेता मेरियन मिंज नहीं रहीं! admin Mon, 09/16/2024 - 12:35

जीईएल के प्रथम बिशम स्‍व. डॉ निर्मल मिंज की पत्‍नी परक्‍लेता मेरियन मिंज नहीं रहीं। 15 सितंबर 2024, रविवार को संध्‍या साढे छह बजे उनका निधन हो गया। अंतिम संस्‍कार आज दिनांक 16 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजे जीईएल चर्च कब्रिस्‍तान (डिबडीह, रांची) में आयोजित किया जाएगा।
अंतिम संस्कार कार्यक्रम को ज़ूम मीटिंग के माध्यम से ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा। यदि आप इसमें शामिल होना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके सीधे अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं।
https://us06web.zoom.us/j/7703122023?pwd=4llfnuAXOkeQHgyAda74PwTagmzP8f.1

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बसिया के स्कुली शिक्षकों ने तोलोंग सिकि के प्रभावी शिक्षण पर लिया प्रशिक्षण

1 month 1 week ago
बसिया के स्कुली शिक्षकों ने तोलोंग सिकि के प्रभावी शिक्षण पर लिया प्रशिक्षण admin Tue, 09/10/2024 - 12:09

दिनांक- 08/09/2024, दिन- रविवार को बसिया के स्कुली शिक्षकों ने अद्दी कुँडुख चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, संस्था के चिरौंदी स्थित कार्यालय में आकर एक दिवसीय प्रशिक्षण ली। यह प्रशिक्षण प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा के लिए विशेष कुँड़ुख भाषा और तोलोंग सिकि लिपि पर हूई। अन्य विषय जैसे गणित, बाल कविताएं (चिंचो डण्डी), धुमकुड़िया का पाठ्यक्रम, भाषा विज्ञान, घड़ी की विपरीत दिशा का कुँड़ुख़ कबिले में महत्व आदि पर भी चर्चा हुई। डॉ नारायण उरांव की उपस्थिति में कार्यशाला हूई जिसका उद्देश्य आदिवासियत को बढ़ाने, कुँड़ुख भाषा- संस्कृति को बचाने और स्कुलों में तोलोंग सिकि लिपि से पढ़ाई-लिखाई करना है

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सैन्दा गांव की करम कहानी

1 month 2 weeks ago
सैन्दा गांव की करम कहानी

प्रस्तुत फोटो ग्राम सैन्दा, थाना सिसई, जिला गुमला (झारखंड) के करम परब पूजा-पाठ के बाद विसर्जन के समय का है। गांव के युवक-युवती भादो एकादशी को श्रद्धा भक्ति के साथ करम पेड़ की तीन डाली को लाकर गांव के पहान को सौंपते हैं। गांव के पहान, करम की डाली को श्रद्धा पूर्वक अखड़ा के बीच स्थापित करते हैं और गांव के सभी जनों के लिए करम देव एवं ईश्वरीय शक्ति से प्रार्थना करते हैं। बाद में सभी उपवास किये करमईत गण परम्परागत रूप से पूजा अराधना करते हैं। फिर दूसरे दिन दोपहर के बाद 3-4 बजे विसर्जन के लिए नाचते गाते पानी में बहा दिया करते हैं। विसर्जन के लिए गांव से बाहर पानी में बहाने के लिए ले जाने के समय का

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