झारखण्ड सरकार ने कहा – तोलोंग सिकि कुंड़ुख़ भाषा की लिपि
ज्ञात हो कि तोलोङ सिकि अथवा तोलोंग लिपि को कुँड़ुख (उराँव) समाज ने कुँड़ुख़ भाषा की लिपि के रूप में स्वीकार किया है। इस लिपि को झारखण्ड सरकार, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के पत्रांक 129 दिनांक 18.09.2003 के द्वारा कुँड़ुख (उराँव) भाषा की लिपि के रूप में उद्धृत किया है। इस सरकारी विभागीय पत्र के माध्यम से कहा गया है कि झारखण्ड राज्य के अंतर्गत संथाली, मुंडारी, हो, उरांव/कुंड़ुख़ भाषा एक महत्वपूर्ण स्थान है। संथाली भाषा की लिपि ‘ओल सिकि’, मुण्डारी भाषा की लिपि ‘देवनागरी’, हो भाषा की लिपि ‘वराङक्षिति’ तथा उरांव/कुंड़ुख़ भाषा की लिपि ‘तोलोंग सिकि’ है। झारखण्ड सहित अन्य कई राज्यों में इ
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