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TSF Tribal App में आनलाइन निबंधन हेतु प्रशिक्षण 

1 week 2 days ago
TSF Tribal App में आनलाइन निबंधन हेतु प्रशिक्षण  admin Tue, 11/12/2024 - 12:20

दिनांक 10/11/2024, दिन रविवार को अद्दी अखड़ा संस्था, रांची और टाटा स्टील फाउंडेशन, जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में एजेरना FC बेड़ा प्रोजेक्ट के सभी शिक्षकों के लिए कार्यशाला आयोजित की गई। यह प्रशिक्षण उपस्थित समन्वयकों द्वारा आशा आदिवासी कुँड़ुख स्कूल बलसोता, भण्डरा, लोहरदगा में दी गई। जिसमें TSF Tribal App पर डाटा डालने और अपलोड करने तक की क्रमबद्ध प्रक्रिया बताई गई। जियोटैग और बच्चों के ऑनलाइन नामांकन से जुड़े जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए। कुँड़ुख भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि की कक्षाओं का संचालन व्यवस्था ऑफलाइन मोड से बदलकर ऑनलाइन मोड में किया जाना है। सभी उपस्थित शिक्षकों ऑनलाइन प्रक्रिया स

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बिरसा नगर, जमशेदपुर में बाबा कार्तिक उरांव का 100 वॉं  जयंती समारोह सम्पन्न

1 week 2 days ago
बिरसा नगर, जमशेदपुर में बाबा कार्तिक उरांव का 100 वॉं  जयंती समारोह सम्पन्न admin Tue, 11/12/2024 - 12:15

दिनांक 29-10-2024 को आदिवासी उराँव समाज समिति, बिरसा नगर जोन न० 6 में पंखराज साहेब बाबा कार्तिक उरांव का 100 वॉं जयंती समारोह मनाया गया। ऐसा समारोह बाबा कार्तिक उरांव जयंती के रूप में बिरसानगर में प्रत्येक वर्ष  टाटा स्टील फाउंडेशन के सहयोग से जमशेदपुर के कुड़ुख़ क्लास की शिक्षिकाओं, विद्यार्थियों और बिरसा नगर के उरांव समाज के सदस्यों द्वारा किया जाता है। इस वर्ष भी समिति के सदस्यों ने जमशेदपुर के विभिन्न आदिवासी समुदायों के लोगों को आमंत्रित किया। इसके लिए, कुड़ुख क्लास के विद्यार्थियों ने 25-10-2024 को बिरसा नगर जोन न० 6 के घरों में जाकर  लोगों को नेवता बांटा। उसके बाद दिनांक 27-10-2024 को

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Kurukh Times मैगजिन का vol. 12 प्रकाशित

1 week 6 days ago
Kurukh Times मैगजिन का vol. 12 प्रकाशित

Kurukh Times vol. 12 प्रकाशित हो रहा है। इसका पी.डी.एफ.आप सभी डाउनलोड करें और कूड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि के विकास की कथा जानें। अंक 12 में माह जुलाई-सितंबर 2024 का सामयिक लेख एवं विचार है। आइए देखें - कुड़ुख़ टाइम्स,अंक 12.
 

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Kurukh Times मैगजिन vol. 11 प्रकाशित

1 week 6 days ago
Kurukh Times मैगजिन vol. 11 प्रकाशित

Kurukh Times vol. 11 प्रकाशित हो रहा है। इसका पी.डी.एफ.आप सभी डाउनलोड करें और कूड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि के विकास की कथा जानें। अंक 11 में माह अप्रैल-जून 2024 का सामयिक लेख एवं विचार है। आइए देखें - कुड़ुख़ टाइम्स,अंक 11.

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टाटा स्टील फाउण्डेशन, जमशेदपुर द्वारा संचालित ‘‘एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट’’ प्रशिक्षण सम्पन्न

2 weeks ago
टाटा स्टील फाउण्डेशन, जमशेदपुर द्वारा संचालित ‘‘एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट’’ प्रशिक्षण सम्पन्न

टाटा स्टील फाउण्डेशन, जमशेदपुर एवं अद्दी कुड़ुख़ चाःला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची, संस्था के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 21.10.2024 से 25.10.2024 तक‘‘एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट’’(कुँड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि/लिपि प्रशिक्षण कार्यक्रम) का द्वितीय कार्यशाला, ट्राइबल कल्चर सेंटर (Tribal Culture Centre) सोनारी, जमशेदपुर में 05 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न हुआ। इस कार्यशाला में भाषा शिक्षण ईकाई से 34 केन्द्र शिक्षक, 05 म्यूजिक सेन्टर के केन्द्र शिक्षक, 08 संयोजक, 01 एरिया कोर्डिनेटर तथा 01 कार्यालय सहायक उपस्थित थे। कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप में साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सदस्य श्री महा

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सांस्‍कृतिक कार्यक्रम : 5 दिवसीय आवासीय, कुड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि प्रशिक्षण

2 weeks 5 days ago
सांस्‍कृतिक कार्यक्रम : 5 दिवसीय आवासीय, कुड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि प्रशिक्षण

यह विडियो, दिनांक 22.10.2024 दिन मंगलवार को ट्राइबल कल्चर सेन्टर, सोनाली, जमशेदपुर में शूट किया गया है। इस पारंपरिक गीत-नृत्य मंडली, टाटा स्टील फाउंडेशन, जमशेदपुर एवं अद्दी कुड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची के संयुक्त तत्वावधान में संचालित एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 दिवसीय आवासीय, कुड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि प्रशिक्षण  आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रथम दिवस के संध्या में यह सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस प्रशिक्षण में झारखंड से गुमला, लोहरदगा, रांची जिला के शिक्षक प्रतिनिधि  एवं बिहार से रोहतास और कैमूर जिला के शिक्षक प्रतिनिधि तथा पश्च

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कुंड़ुख भाषा - तोलोंग सिकि लिपि पर राष्‍ट्रीय सेमिनार का दूसरा दिन

1 month 2 weeks ago
कुंड़ुख भाषा - तोलोंग सिकि लिपि पर राष्‍ट्रीय सेमिनार का दूसरा दिन

दिनांक 02 एवं 03 अक्टुवर 2024 को कुड़ुख़ भाषा की दशा एवं दिशा विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार, कुड़ुख़ भाषा एवं सांस्कृतिक पुनरूत्थान केन्द, बम्हनी  गुमला में सम्पन्न हुआ। इस सेमिनार में दिनांक 03 अक्टुवर 2024  किये गये  प्रस्तुति में से कुड़ख़ भाषा तोलोंग सिकि और उरांव समाज की भूमिका विषय किए गए प्रस्तुति का पीडीएफ आप सभी के समक्ष प्रस्तुत है -

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बम्हनी, गुमला में कुड़ुख़ भाषा की दशा एवं दिशा विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू

1 month 2 weeks ago
बम्हनी, गुमला में कुड़ुख़ भाषा की दशा एवं दिशा विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुरू

दिनांक- 02 अक्टूबर 2024, दिन- बुधवार को गुमला जिले के कुँड़ुख भाषा एवं सांस्कृतिक पुनरूत्थान केन्द्र, बम्हनी में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार की शुरुआत हुई। प्रथम दिन की सेमिनार की अध्यक्षता कुँड़ुख विभागाध्यक्ष, डॉ नारायण भगत द्वारा किया गया। मंच संचालन कमल उरांव द्वारा किया गया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनोबा भावे विश्वविद्यालय, हजारीबाग के पुर्व कुलपति डॉ रविंद्र भगत उपस्थित होकर संबोधित किए। कार्यक्रम के आरंभ में मंच पर कई दिग्गज जनों ने आसन ग्रहण किया और उरांव/कुँड़ुख भाषा की महत्व एवं विकास पर विचार साझा किए। इनमें साहित्य अकादमी, नई दिल्ली के सदस्य श्री महादेव टोप्पो, पुर्व मंत्री श्र

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टाटा फाउन्‍डेशन द्वारा संचालित तोलोंग सिकि सह कुंड़ुख भाषा शिक्षण केंद्र बलसोता के बच्चों का शैक्षिक भ्रमण संपन्‍न

1 month 2 weeks ago
टाटा फाउन्‍डेशन द्वारा संचालित तोलोंग सिकि सह कुंड़ुख भाषा शिक्षण केंद्र बलसोता के बच्चों का शैक्षिक भ्रमण संपन्‍न

आज दिनांक 02/09/2024 को टाटा स्टील फाउन्‍डेशन द्वारा संचालित तोलोंग सिकि सह कुंड़ुख भाषा शिक्षण केंद्र आशा आदिवासी विद्यालय बलसोता सरना टोली भण्डरा के बच्चों को शैक्षिक भ्रमण के लिए  130 बच्चे और 15 शिक्षण-कर्मी सुबह 8 बजे दो बस में रवाना हुए। साथ में मंदर और झांझ के साथ करम और जतरा गीतो में झुमते हुए कब  और कैसे दो घंटा बिता पता ही नहीं चला और 10 बजे ओरमांझी पहुंचे भगवान बिरसा जैविक उद्यान ओरमांझी परिसर में सभी पुड़ी सब्जी खाने के बाद  निशुल्क प्रवेश था। जैविक उद्यान में प्रवेश करते ही रंग-बिरंगे छोटे - छोटे और शुतुरमुर्ग जैसे बड़े पक्षी देख कर बच्चे बहुत खुश हुए फिर बाघ, चीता, शेर और भालू

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कुँड़ुख भाषा और पुथी जतरा से साहित्य की विकास की अधिक संभावना: महादेव टोप्पो

1 month 2 weeks ago
कुँड़ुख भाषा और पुथी जतरा से साहित्य की विकास की अधिक संभावना: महादेव टोप्पो

दिनांक 28/09/2024 को सुबह 10.00 बजे से 2.00 बजे तक विश्वविद्यालय कुँड़ुख विभाग, रांची विश्वविद्यालय, रांची के परिसर में ‘कुँड़ुख व्याकरणिक शब्दावली एवं शब्द रचना’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। इस कार्यशाला में कुँड़ुख शब्द एवं व्याकरण को लेकर गहन चर्चा की गई। बैठक में में यह निर्णय लिया गया कि भविष्य में व्याकरण लेखन कार्य मानकीकरण एवं संशोधन को ध्यान में रखकर पुस्तक प्रकाशन की अपील किया करेंगे। वहीं अद्दी अखड़ा संस्था की ओर से कुँड़ुख विभाग को कुँड़ुख पुस्तकें एवं त्रैमासिक पत्रिकाएं भेंट की गई। प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए विशेष कुँड़ुख व्याकरण न होना की समस्या सामने आई। डॉ ना

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पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में  उल्लेखनीय कार्य करने वाले झारखंड के तीन आदिवासी हस्तियों को राष्ट्रीय सम्मान

1 month 2 weeks ago
पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में  उल्लेखनीय कार्य करने वाले झारखंड के तीन आदिवासी हस्तियों को राष्ट्रीय सम्मान admin Mon, 09/30/2024 - 19:25

देश और दुनिया में प्राकृतिक और सामाजिक पर्यावरण के बढ़ते संकट पर विचार करने और इसके समाधान के  उपायों को साझा करने के लिए रांची प्रेस क्लब  में 29 सितंबर 2024 को सावित्रीबाई सेवा फाउंडेशन पुणे के मदद से पर्यावरण संरक्षण के मसीहा अनुपम मिश्र के याद में गोदावरी देवी फाउंडेशन, रांची की ओर से पर्यावरण संरक्षण से  जुड़े देश भर  के  30 हस्तियों को  सम्मानित किया गया । जिसमें पारंपरिक स्वाशासन पड़हा व्यवस्था लोहरदगा  के संयोजक श्री विनोद भगत एवं देवान श्री संजीव  भगत  और आदिवासी पत्रकार बरखा लकड़ा  को राष्ट्रीय पर्यावरण सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया । 

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स्‍व. डॉ निर्मल मिंज की पत्‍नी परक्‍लेता मेरियन मिंज नहीं रहीं!

2 months ago
स्‍व. डॉ निर्मल मिंज की पत्‍नी परक्‍लेता मेरियन मिंज नहीं रहीं! admin Mon, 09/16/2024 - 12:35

जीईएल के प्रथम बिशम स्‍व. डॉ निर्मल मिंज की पत्‍नी परक्‍लेता मेरियन मिंज नहीं रहीं। 15 सितंबर 2024, रविवार को संध्‍या साढे छह बजे उनका निधन हो गया। अंतिम संस्‍कार आज दिनांक 16 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजे जीईएल चर्च कब्रिस्‍तान (डिबडीह, रांची) में आयोजित किया जाएगा।
अंतिम संस्कार कार्यक्रम को ज़ूम मीटिंग के माध्यम से ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा। यदि आप इसमें शामिल होना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके सीधे अंतिम संस्कार में शामिल हो सकते हैं।
https://us06web.zoom.us/j/7703122023?pwd=4llfnuAXOkeQHgyAda74PwTagmzP8f.1

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बसिया के स्कुली शिक्षकों ने तोलोंग सिकि के प्रभावी शिक्षण पर लिया प्रशिक्षण

2 months 1 week ago
बसिया के स्कुली शिक्षकों ने तोलोंग सिकि के प्रभावी शिक्षण पर लिया प्रशिक्षण

दिनांक- 08/09/2024, दिन- रविवार को बसिया के स्कुली शिक्षकों ने अद्दी कुँडुख चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, संस्था के चिरौंदी स्थित कार्यालय में आकर एक दिवसीय प्रशिक्षण ली। यह प्रशिक्षण प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की शिक्षा के लिए विशेष कुँड़ुख भाषा और तोलोंग सिकि लिपि पर हूई। अन्य विषय जैसे गणित, बाल कविताएं (चिंचो डण्डी), धुमकुड़िया का पाठ्यक्रम, भाषा विज्ञान, घड़ी की विपरीत दिशा का कुँड़ुख़ कबिले में महत्व आदि पर भी चर्चा हुई। डॉ नारायण उरांव की उपस्थिति में कार्यशाला हूई जिसका उद्देश्य आदिवासियत को बढ़ाने, कुँड़ुख भाषा- संस्कृति को बचाने और स्कुलों में तोलोंग सिकि लिपि से पढ़ाई-लिखाई करना है

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सैन्दा गांव की करम कहानी

2 months 2 weeks ago
सैन्दा गांव की करम कहानी

प्रस्तुत फोटो ग्राम सैन्दा, थाना सिसई, जिला गुमला (झारखंड) के करम परब पूजा-पाठ के बाद विसर्जन के समय का है। गांव के युवक-युवती भादो एकादशी को श्रद्धा भक्ति के साथ करम पेड़ की तीन डाली को लाकर गांव के पहान को सौंपते हैं। गांव के पहान, करम की डाली को श्रद्धा पूर्वक अखड़ा के बीच स्थापित करते हैं और गांव के सभी जनों के लिए करम देव एवं ईश्वरीय शक्ति से प्रार्थना करते हैं। बाद में सभी उपवास किये करमईत गण परम्परागत रूप से पूजा अराधना करते हैं। फिर दूसरे दिन दोपहर के बाद 3-4 बजे विसर्जन के लिए नाचते गाते पानी में बहा दिया करते हैं। विसर्जन के लिए गांव से बाहर पानी में बहाने के लिए ले जाने के समय का

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धूमकुड़िया जमटोली बेड़ो में सीता तिर्की द्वारा बच्चों को सिखाने का प्रयास

2 months 3 weeks ago
धूमकुड़िया जमटोली बेड़ो में सीता तिर्की द्वारा बच्चों को सिखाने का प्रयास

यह विडियो दिनांक 22.08.2024 दिन वृहस्पतिवार को कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र जामटोली, बेड़ो में चल रहे केन्द्र का विडियो है। यहां टाटा स्टील फाउंडेशन जमशदेपुर तथा अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची द्वारा कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि शिक्षण  केन्द्र, जामटोली में चलाया जा रहा है। छोटे बच्चे पारम्परिक रूप से मौसमी राग एवं गीत गा रहे हैं। यह सुखद अहसास है। साथ ही अपने स्कूली शिक्षा का यहां अभ्यास करने का भी अवसर मिलता है। आइए बच्चों द्वारा गाए जा रहे मौसमी उरांव गीत सुनने के लिए विडियो का आनंद लिया जाए.. 

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कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला टी.सी.सी.जमशेदपुर में सम्पन्न 

2 months 4 weeks ago
कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला टी.सी.सी.जमशेदपुर में सम्पन्न  admin Wed, 08/21/2024 - 17:09

दिनांक –1 6 अगस्त से 20 अगस्त 2024 तक टाटा स्टील फाउंडेशन ,जमशेदपुर की सहयोगी संस्था अद्दी कुंडुख चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा,रांची एवं उरांव सरना समिति, चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम  द्वारा संचालित एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट के अंतर्गत  "तोलोङ सिकि सह कुंडुख भाषा शिक्षक-संयोजक प्रशिक्षण" 5 दिवसीय आवासीय कार्यशाला टी॰सी॰सी॰ सोनारी(जमशेदपुर) में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ । इस आवासीय कार्यशाला में पूर्वी सिंहभूम ,पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला –खरसंवां के 45 कुंड़ुख़ भाषा शिक्षक/शिक्षिका, समन्वयक एवं कार्यालय सहायक ने भाग लिया । कार्यशाला में प्रशिक्षण देने के लिए तोलोङ सिकि (लिपि) के जनक डा॰नारायण उर

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विश्व आदिवासी दिवस पर बीएस काॅलेज ऑडिटोरियम सभागार में कुँडुख़ भाषा की हुई चर्चा

3 months 1 week ago
विश्व आदिवासी दिवस पर बीएस काॅलेज ऑडिटोरियम सभागार में कुँडुख़ भाषा की हुई चर्चा

दिनांक 09/08/2024 को बीएस काॅलेज लोहरदगा ऑडिटोरियम सभागार में समस्त आदिवासी  संगठन लोहरदगा  की  ओर से भव्य विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया।  संजीव भगत पड़हा संयोजक ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुरे बुधुवीर सेना को लगाया गया था। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य -विभिन्न कुँड़ख़ संगठनो को जोड़ कर अपनी हक-अधिकार ,भाषा-लिपि धर्म- संस्कृति का संरक्षण करना । पड़हा व्यवस्था को मजबूत करना ।,आदिवासियों पर शोषण अत्याचार से रक्षा करना  तथा साथ  मिलकर त्योहार आदि को मनाना है। कार्यक्रम का नेतृत्व पड़हा दिवान विनोद भगत "हिरही" एवं पड़हा संयोजक संजीव भगत ने किया। 9 अगस्त  की तैयारी  को लेकर दर्जनो

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विश्‍व आदिवासी दिवस 2024 की ढ़ेर सारी बधाई और शुभकामनाएं

3 months 1 week ago
विश्‍व आदिवासी दिवस 2024 की ढ़ेर सारी बधाई और शुभकामनाएं

आदिवासी समाज अपने संगीत-नृत्‍य के लिये मशहूर है। ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन लगभग हर त्‍योहार और खास मौके पर अवश्‍य होता है। खास कर गांवों में तो जैसे यह दिनचर्या है। आज आदिवासी दिवस है। पूरी दुनिया में यह मौका आदिवासियों के लिये खास है। ऐसे में संगीत नृत्‍य न हो यह कैसे संभव है। तो लीजिए आज लुत्‍फ उठाइये आदिवासी नृत्‍य का ।

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छिन्न-भिन्न होती आदिवासियत

3 months 2 weeks ago
छिन्न-भिन्न होती आदिवासियत

“आदिवासियत” शब्द का मतलब आदिवासी जीवनशैली, संस्कृति, परंपराओं, और जीवन मूल्यों से है जिसे आदिवासी समुदय अपने आत्मीयता में संरक्षित रखते हैं। यह उन समुदायों की पहचान और धरोहर को संदर्भित करता है जो प्राचीन काल से अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक और सामाजिक संरचनाओं के साथ जुड़े हुए हैं। 
यूनेस्को (UNESCO) के अनुसार  आदिवासियत को निम्नलिखित बिन्दुओं से परिभाषित कर सकते हैं:
1.    सांस्कृतिक धरोहर: आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर में उनके रिवाज, त्योहार, पारंपरिक नृत्य, संगीत, और कला शामिल हैं। यह धरोहर उनके धार्मिक विश्वासों, मिथकों, और पारंपरिक ज्ञान में भी परिलक्षित होती है।

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15 minutes 58 seconds ago
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