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'एजेरना बेड़ा' (सिंहभूम) में तोलोंग सिकि प्रशिक्षण कार्यक्रम का संगीतमय कार्यक्रम
यह विडियो दिनांक 19 सितम्बर 2023 दिन मंगलवार को सूट किया गया है। यह टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर के सहयोग से संचालित तथा उरांव सरना समिति, चक्रधरपुर, पश्चिम सिंहभूम के माध्यम से 'एजेरना बेड़ा' कार्यक्रम के अंतर्गत दिनांक 16 सितम्बर से 19 सितम्बर 2023 तक सम्पन्न कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन कार्यक्रम का है। यह प्रशिक्षण कार्यशाला ट्राईबल कल्चर सेन्टर, सोनाली, जमशेदपुर में सम्पन्न हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में 25 कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र के शिक्षक एवं 05 संयोजक तथा परम्परागत उरांव वाद्य यंत्र प्रशिक्षण केन्द्र के 03 शिक्षक उपस्थित थे। कार्यशाला
रामवृक्ष किण्डो को विनम्र श्रद्धांजलि
यह दुखद समाचार है कि ‘‘बुदो उराँव पब्लिक स्कूल, हहरी (कुँड़ुख़ इंग्लिस मिडियम स्कूल)’’ के संस्थापक सह निदेशक स्व० रामवृक्ष किण्डो, हम सबों के बीच नहीं रहे। उनका निधन दिनांक 03.09.2023, दिन रविवार को रात्रि में हुआ और दिनांक 04.09.2023 को उनका अंतिम संस्कार उनके पैत्रिक गांव ईचा बेती, घाघरा (गुमला) में हुआ। वे 44 वर्ष के थे। वे कैंसर रोग से पीड़ित थे और उनका केमोथेरापि इलाज चल रहा था।
परम्पारिक ग्रामसभा पड़हा-पचोरा सामाजिक न्याय पंच नियमावली
भारतीय संसद द्वारा पारित पेसा कानून 1996 (PESA 1996) की धारा 4(d) के तहत, दिनांक 18 से 20 अगस्त 2023 तक, 36 गांव की परम्परागत ग्राम सभा (पद्दा सबहा) के प्रतिनिधि सदस्यों की ‘‘पद्दा पड़हा-पचोरा पारम्परिक स्वशासन व्यवस्था न्याय पंच कार्यशाला’’ ट्राईबल कल्चर सेन्टर, सोनारी, जमशेदपुर में सम्पन्न हुई। इस ग्रामसभा पड़हा-पचोरा सामाजिक न्याय पंच कार्यशाला में उराँव समाज की रूढ़ीगत सामाजिक व्यवस्था को संरक्षित एवं संवर्द्धित करने हेतु 12 पड़हा, पहाड़ कंडिरिया, बेड़ो, राँची के पड़हा बेल श्री बिमल उराँव, 32 पड़हा-पचोरा लोहरदगा के बेल (राजा): श्री विजय उराँव एवं 03 पड़हा-पचोरा सिसई-भरनो, गुमला के कुहाबेल : श्री
सिसई/गुमला/झारखंड में विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त 2023) आयोजन
यह विडियो दिनांक 9 अगस्त 2023 को विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कार्तिक उरांव आदिवासी कुंड़ुख़ विद्यालय मंगलो सिसई गुमला शूट किया गया विडियो है । इस विद्यालय में कुंड़ुख़ भाषा की पढ़ाई कुंड़ुख़ की अपनी लिपि तोलोंग सिकि में होती है। इस विद्यालय में पारम्परिक गीत, मौसमी राग में सिखलाया जाता है। यह विडियो रोवा अर्थात रोपनी राग में गाया जा रहा है। 10 दिनों के बाद ही करमा राग तथा नृत्य का समय पहूंचेगा। प्रस्तुत है रोवा राग में यह पारम्परिक उरांव लोकगीत एवं नृत्य।
कुंडुख़ भाषा स्कूल, मंगलो, सिसई, गुमला नू विश्व आदिवासी दिवस रिझिरनुम मंज्जा
नेड्डा - 09.08.2023 उल्ला बुध गे को रोपा डण्डी घी सा-हे तली कार्तिक उरांव आदिवासी कुंडुख़ लूरकुड़िया मंगलो,थाना सिसई, जिला गुमला, झारखण्ड नू विश्व आदिवासी दिवस मनाबातारा। सिसई पहटा ता कुंडुख़ पचगी नैगर अरा माहतोर तेंगनर का कुंडुखर पुरखर घी तिंग्का बेसे बेड़ा सिरे पाड़ना- बें:नचा नना लगियर। धुमकुड़िया नू पचगी लूरगरियर बारजाचका रहचर का - राजी बहूरा:रना गूटी करम डण्डी बचउ ख़द्दारिन मल्ला पाड़ताअना। एन्ने नमन पुरखर हूं बरजाचका रहचर। ईर घी पईत्तारना रअ्ई का कुंड़खर तंगआ संस्कृतिन बेंड़ाबआ लगनर,अवगें सिरजरनी हूं बेंड़ारआ लगी,बअ़नर की आननर का कुंड़ख़र बेंड़ारआ लगनर। अंवगे चें-प हूं बेड़
लोकहित के लिए राजभवन हमेशा खुला है : महामहिम राज्यपाल
दिनांक 09.08.2023 दिन बुधवार को महामहिम राज्यपाल का आवास अर्थात राजभवन में विश्व आदिवासी दिवस 2023 हर्सोल्लास के साथ मनाया गया। ज्ञात हो कि राजभवन में यह आयोजन पहली बार हुआ है। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्राध्यापक एवं चिकित्सक लगभग 20-25 की संख्या में आमंत्रित थे।
भंडरा के कुँडुख तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र में विश्व आदिवासी दिवस सम्पन्न
टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर एवं अद् दी अख़डा द्वारा संयुक्त संयुक्त रूप से संचालित, भंडरा (लोहरदगा) के आशा आदिवासी विद्यालय बलसोता में कुँडुख भाषा तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र में विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया। 09 अगस्त, बुधवार को स्कूल परिसर में आदिवासी पेंटिंग प्रतियोगिता, ड्रेस प्रतियोगिता, निबंध और पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
- आदिवासी पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम - ज्ञानदीप उराँव, द्वितीय - सोनाक्षी उराँव , तृतीय - वर्षा भगत,
- आदिवासी ड्रेस प्रतियोगिता में प्रथम - स्नेहल उराँव, द्वितीय - जित उराँव , तृतीय - अंकित उराँव,
अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2023 सम्पन्न
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं साहित्य अकादमी, नई दिल्ली द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2023 का आयोजन राजा भोज की नगरी भोपाल में सम्पन्न हुआ। इस उत्सव का उद्घाटन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अवस्थित रविन्द्र भवन में दिनांक 03 अगस्त 2023 को महामहीम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू द्वारा किया गया। यह उत्सव 03 अगस्त से 06 अगस्त 2023 तक चला और दिनांक 06 अगस्त 2023 कों देश-विदेश से आये लेखक एवं कवि गणों से खचाखच भरे रविन्द्र भवन में समापन हुआ।
आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं
वीर बुधु भगत कॉलोनी का नामकरण कार्यक्रम संपन्न
आज दिनांक -23/7/2023दिन रविवार को आदर्श ग्राम चिरौंदी, रांची में चिरौंदी बाज़ार से पश्चिम क्षेत्र का नामकरण "वीर बुधु भगत कॉलोनी " ग्राम अध्यक्ष सुखदेव मुंडा की अध्यक्षता एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में किया गया । इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम, अमर शहीद वीर बुधु भगत की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। उसके बाद गाजा-बाजा के साथ वीर बुधु भगत कालोनी का नामकरण का उद्घाटन किया गया। फिर गाजा-बाजा के साथ सभी मोहल्ला में आखिरी गली तक नामकरण का अलख जगाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित ग्रामीणों में सरना समिति चिरौन्दी के उपाध्यक्ष सोमा बांडो, कार्यकारी अध्यक्ष अजय कच्छप, साधु,संतोष उरांव, अमित
बिहार के रोहतास जिले में पहला तोलोंग सिकि प्रशिक्षण केंद्र शुरू हुआ
रोहतास (बिहार), 20 जुलाई - आज दिनांक 20 जुलाई 2023, दिन गुरूवार को रोहतास प्रखंड अंतर्गत रोहतासगढ़ पंचायत के ग्राम माधा में कुंड़ुख़ भाषा की तोलोंग सिकी (लिपि) प्रशिक्षण केंद्र का शुरुआत किया गया। इस कुंड़ुख़ भाषा-लिपि प्रशिक्षण केंद्र में आज शुरुआत करने के बाद प्रत्येक दिन आदिवासी बच्चे बच्चियों को पढ़ने का अवसर मिलेगा। ऐसा विद्यालय जिले में पहली बार देखने को मिलेगा। इस शुरुआत के दिन ग्रामीणों के द्वारा यह बताया गया कि हमारे गांव में शिक्षा से वंचित इन आदिवासी बच्चे बच्चियों को अपने ही उरांव भाषा में एवं उरांव के लिपि तोलोंग सिकि लिपि में पढ़ाई होने से भाषा की जागरूकता के साथ-साथ अपने
बिहार सहित कई और इलाकों में खुलेगा तोलोंग सिकि प्रशिक्षण केंद्र
जमशेदपुर, 15 जुलाई: दिनांक 11 जुलाई 2023 से 15 जुलाई 20213 तक टाटा स्टील फाउंडेशन, जमशेदपुर एवं अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची के संयुक्त तत्वावधान में कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षण कार्यशाला जमशेदपुर के ट्राईबल कल्चर सेन्टर, सोनारी में सम्पन्न हुआ। इस कार्यशाला में झारखण्ड के गुमला,लोहरदगा,रांची,सरायकेला-खरसवां,पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम जिला से एवं बिहार के रोहतास तथा कैमूर जिला से और पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपूर जिला से प्रशिक्षु शामिल हुए थे। इस कार्यशाला में दो खण्ड है - 1. कुंड़ुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षण योजना 2.
जमशेदपुर में तोलोंग सिकि प्रशिक्षण शिविर का अनुभव साझा किया रोहतास (बिहार) के आदिवासियों ने..
यह मार्मिक आलेख एक प्रशिक्षु का है जिन्होंने पिछले दिनों जमशेदुपर में आयोजित तोलोंग सिकि प्रशिक्षण शिविर में अपनी मंडली के साथ हिस्सा लेकर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। जरूर पढि़ये और अपनी प्रतिक्रिया दीजिये..
समाज के उत्थान के लिये धुमकुड़िया पर वृहत शोध की आवश्यक्ता है : एक परिचर्चा
रांची: शुक्रवार, 07 जुलाई को रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टिच्युट के सभागार में 'Significance of Dhumkuria' विषय पर पैनल चर्चा हुई। यह परिचर्चा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कलाकेंद्र रांची द्वारा आयोजित की गई थी। इस आयोजन में मुख्य अतिथि रामकृष्ण मिशन आश्रम रांची के माननीय सचिव स्वामी भवेशानन्द जी थे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सदस्य श्री महादेव टोप्पो जी उपस्थित थे। इस परिचर्चा के मुख्य वक्ता इतिहासकार डॉ० दिवाकर मिंज कुँड़ुख ;उराँव भाषा की लिपि तोलोंग सिकि के जनक डॉ० नारायण उराँव एवं पत्रकार श्री गौतम चौधरी थे। इस परिचर्चा के
धुमकुड़िया पर वृहत शोध की आवश्यक्ता है : एक परिचर्चा
दिनांक 07-07-2023 दिन शुक्रवार को रामकृष्ण मिशन विवेकानन्द एजुकेशनल एण्ड रिसर्च इंस्टिच्यूटए रांची के सभागार में SIGNIFICANCE OF DHUMKURIYA विषयक पैनल चर्चा हुई। यह परिचर्चा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र रांची द्वारा आयोजित किया गया था। इस आयोजन में मुख्य अतिथि रामकृष्ण मिशन आश्रम रांची के माननीय सचिव स्वामी भवेशानन्द जी थे तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में साहित्यकार एवं साहित्य अकादमी नई दिल्ली के सदस्य श्री महादेव टोप्पो जी उपस्थित थे। इस परिचर्चा के मुख्य वक्ता इतिहासकार डॉ० दिवाकर मिंज कुँड़ुख ;उराँव भाषा की लिपि तोलोंग सिकि के जनक डॉ० नारायण उराँव एवं पत्रकार श्
मणिपुर हिंसा : आदिवासियों को खत्म करने की साजिश! | 'सरना धर्मकोड नहीं, तो 2024 मोदी को भारी पड़ेगा'
तभी शांत होगा मणिपुर - पूरे देश में जनजाति सूची में नई जातियों के शामिल करने पर 30 वर्षों के लिये रोक लगायी जाए और इसकी घोषणा तुरंत की जाए : सालखन मुर्मू। पूर्व सांसद व सेंगेल नेता सालखन मुर्मू से बातचीत। जेएमएम ने आदिवासियों को बेचा है: सालखन। सालखन की घोषणा: 2024 आम चुनाव से पहले केंद्र ने सरना धर्मकोड की घोषणा नहीं की तो..। इस वीडियो पर आपकी सकारात्मक टिप्पणी हमारे लिए प्रेरक होंगी।.. देखें वीडियो..
बिसुसेंदरा 2023 सम्पन्न हुआ
यह फोटो, परम्परागत पड़हा ग्रामसभा बिसुसेंदरा सिसई-भरनो का 22 गांव के लोगों द्वारा, दिनांक 20-21 मई 2023 को सम्पन्न बैठक का है। यह बिसुसेंदरा बैठक वर्ष 2011से होता आ रहा है। बिगत कई वर्षों से लगातार कार्य करने के बाद समाज के लोगों द्वारा इस तरह का मार्गदर्शिका नियमावली का निर्धारण किया गया है। यह नियमावली उक्त सभी 22 गांव के लोगों के बीच अनुपालन हेतु प्रसारित किया गया है।
पुस्तिका पीडीएफ में नीचे देखें।
कुँडुख़ भाषा एवं तोलोंग सिकि, लिपि के प्रचार-प्रसार की उलझने और चुनौतियाँ
विदित है कि कुँडुख़़ भाषा की लिपि, तोलोंग सिकि के विकास में देश का आदिवासी आन्दोलन तथा झारखण्ड अलग प्रांत आन्दोलन का छात्र आन्दोलन की भूमिका उल्लेखनीय रही है। इसके वाबजूद कुँडुख़ तोलोंग सिकि के प्रचार-प्रसार में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। वैसे पेशे से चिकित्सक डा० नारायण उराव के लगन एवं सूझबूझ से कुँडुख़ भाषा की लिपि के रूप में तोलोंग सिकि, लिपि को सामाजिक मान्यता मिल पायी और सामाजिक चिंतकों तथा बुद्धिजीवियों के मार्गदर्शन से झारखण्ड सरकार द्वारा वर्ष 2003 में कुँडुख़ भाषा की लिपि के रूप में स्वीकार कर लिया गया। ये सभी बातें होते हुए कुँडुख़ भाषा एवं लिपि के अग्रेतर विकास के क्रम में
उरांव आदिवासी में प्रचलित रूढ़िगत विवाह के प्रकार पर परिचर्चा / श्रृंखला की कड़ी 3
दिनांक - 4 जून , 2023 को , 10:30 - 12:30 बजे तक, आदिवासी कॉलेज छात्रावास पुस्तकालय, करमटोली, रांची (झारखंड) में, आदिवासी शोध एवं सामाजिक सशक्तीकरण अभियान की श्रृंखला 3/2023 में "उरांव आदिवासी में प्रचलित रूढ़िगत विवाह के प्रकार" विषय पर चर्चा हुई .
चर्चा की शुरुवात के पहले उपस्थित लोगो द्वारा दिवंगत डॉ.करमा उरांव के सम्मान में श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया, तत्पश्चात प्रो.रामचंद्र उरांव ने विषय की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए विषय प्रवेश कराया.