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पिन्‍की लिन्‍डा vs बागा तिर्की : आखिर क्‍यों, छुटा-छुटी (तलाक) से पहले हो गया केस डिसमिस?..

2 days 9 hours ago
पिन्‍की लिन्‍डा vs बागा तिर्की : आखिर क्‍यों, छुटा-छुटी (तलाक) से पहले हो गया केस डिसमिस?..

यह वीडियो हमारे पिछले वीडियो https://youtu.be/gxus_PSq_yg का हिस्‍सा (Excerpt) है, जिसका शीर्षक था- 'कोई प्रथा कैसे बनती है कस्‍टमरी लॉ?.. | How does a custom become a Customary Law?' वीडियो में मुख्‍य वक्‍ता हैं कानून के प्राध्‍यापक श्री रामचन्‍द्र उरांव। सवाल कर रहे हैं, पत्रकार किसलय। वह पूरा वीडियो यहां देख - सुन सकते हैं। https://youtu.be/gxus_PSq_yg

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कोई प्रथा कैसे बनती है कस्‍टमरी लॉ?

2 days 9 hours ago
कोई प्रथा कैसे बनती है कस्‍टमरी लॉ?

भारत में आदिवासियों के कई मामलों में अलग कानून चलता है, जिसे कस्‍टमरी लॉ या प्रथागत कानून कहते हैं। इस प्रसंग में हम पिछले अंक में चर्चा कर चुके हैं। आप उस वीडियो को यहां ऊपर, दाहिनी तरफ आ रहे लिंक पर देख और सुन सकते हैं। उस वीडियो में हमने कस्‍टमरी लॉ के अर्थ, उसके अलग-अलग तत्‍वों पर चर्चा की थी। आदिवासियों की रूढि़यों पर आधारित उनकी सामाजिक संरचना पर भी हम बात कर चुके हैं। आज हम कस्‍टमरी लॉ के कुछ अन्‍य पहलुओं पर बातें करेंगे। जैसे, कोई प्रथा या रूढि़ कानून बनने लायक है, या नहीं, यह तय कैसे होगा? तय करने की प्रक्रिया क्‍या है? भारतीय न्‍यायालयों में कस्‍टमरी लॉ को कितना महत्‍व मिलता है?

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आदिवासियों का कस्‍टमरी लॉ अलग क्‍यों है?

6 days 10 hours ago
आदिवासियों का कस्‍टमरी लॉ अलग क्‍यों है? admin Tue, 03/14/2023 - 10:33

आपको पता है, भारत में दो तरह के कानून चलते हैं: पहला 'जेनरल लॉ' और दूसरा 'कस्‍टमरी लॉ'। जेनरल लॉ यानी सामान्‍य कानून पूरे देश में लागू होता है, जबकि 'कस्‍टमरी लॉ' केवल आदिवासियों के प्रसंग में चलता है। आये दिन इसपर कई विवाद भी हुए हैं। मामला उच्‍च न्‍यायालयों तक पहुंचता है। और ऐन वक्‍त सामने आता है आदिवासियों का कस्‍टमरी लॉ। - कहा जाता है, आदिवासियों पर दहेज कानून लागू नहीं होता?.. क्‍यों और कैसे? - अभी पिछले दिनों आदिवासी महिलाओं को पैतृक संपत्ति में हिस्‍सेदारी को लेकर खूब विवाद हुआ। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा.. और उभर कर सामने आया कस्‍टमरी लॉ..

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कुंड़ुखटाइम्‍स मैगजिन का 06 अंक प्रकाशित हुआ..

6 days 10 hours ago
कुंड़ुखटाइम्‍स मैगजिन का 06 अंक प्रकाशित हुआ.. admin Tue, 03/14/2023 - 10:20

Kurukh Times बहुभाषीय पत्रिका का छठा अंक प्रकाशित हो चुका है। अपनी खास साज-सज्‍जा और समृद्ध लेखों से परिपूर्ण यह पत्रिका पठनीय है। आप इसे यहीं ऑनलाइन पढ़ सकते हैं अथवा चाहें तो, नि:शुल्‍क डाउनलोड भी कर सकते हैं। नीचे पीडीएफ वर्जन उपलब्‍ध है। पढ़ें अथवा डाउनलोड कर लें। 

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महादेव टोप्‍पो का आदिवासी समाज द्वारा जोरदार अभिनंदन

2 weeks ago
महादेव टोप्‍पो का आदिवासी समाज द्वारा जोरदार अभिनंदन admin Sun, 03/05/2023 - 22:53

झारखंड की माटी के साहित्‍यकार: कवि, लेखक, अभिनेता व पूर्व बैंककर्मी महादेव टोप्पो को साहित्य अकादमी (नई दिल्ली) का सदस्य के रूप में मनोनयन किये पर आदिवासी समाज की ओर से जोरदार अभिनंदन किया गया। 05 मार्च 2023 को करमटोली (रांची) स्थित आदिवासी कॉलेज छात्रावास के पुस्तकालय भवन भवन में दर्जनों संस्‍थाओं के प्रतिनिधियों एवं स्‍थानीय युवक-युवतियों ने महादेव टोप्‍पो और उनकी धर्मपत्‍नी को पुष्‍पगुच्‍छ, झारखंडी परिधानों एवं संस्‍कारों के साथ सम्‍मानित किया। इस कार्यक्रम के संयोजक मंडल में शामिल थे, डॉ. नारायण उराँव, सैंदा, डॉ. नारायण भगत, नागराज उराँव,  डॉ.

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साहित्‍य अकादमी का सदस्‍य चुने जाने पर महादेव टोप्‍पो का आदिवासी समाज द्वारा जोरदार अभिनंदन

2 weeks 1 day ago
साहित्‍य अकादमी का सदस्‍य चुने जाने पर महादेव टोप्‍पो का आदिवासी समाज द्वारा जोरदार अभिनंदन

झारखंड की माटी के साहित्‍यकार: कवि, लेखक, अभिनेता व पूर्व बैंककर्मी महादेव टोप्पो को साहित्य अकादमी (नई दिल्ली) का सदस्य के रूप में मनोनयन किये पर आदिवासी समाज की ओर से जोरदार अभिनंदन किया गया। 05 मार्च 2023 को करमटोली (रांची) स्थित आदिवासी कॉलेज छात्रावास के पुस्तकालय भवन भवन में दर्जनों संस्‍थाओं के प्रतिनिधियों एवं स्‍थानीय युवक-युवतियों ने महादेव टोप्‍पो और उनकी धर्मपत्‍नी को पुष्‍पगुच्‍छ, झारखंडी परिधानों एवं संस्‍कारों के साथ सम्‍मानित किया। इस कार्यक्रम के संयोजक मंडल में शामिल थे, डॉ. नारायण उराँव, सैंदा, डॉ. नारायण भगत, नागराज उराँव,  डॉ.

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कुँड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह समारोह दिवस राँची जिला 2023 सम्पन्न     

2 weeks 3 days ago
कुँड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह समारोह दिवस राँची जिला 2023 सम्पन्न     

दिनांक 20/02/2023 दिन सोमवार को राँची जिला के बेड़ो प्रखण्ड के कठरटोली मैदान में एक दिवसीय कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह रांची जिला दिवस 2023 समारोह सम्पन्न हुआ। इस समारोह में रांची जिला के कुड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि लिपि के पठन-पाठन से जुड़े छोटे-बडे़ विद्यालय एवं धुमकुड़िया के छात्र, शिक्षक एवं अभिभावक शामिल थे। इस अवसर पर तोलोंग सिकि लिपि के संस्थापक डॉ नारायण उरांव, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग के पूर्व कुलपति डॉ.

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कुँड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह समारोह दिवस लोहरदगा जिला 2023 सम्पन्न

2 weeks 3 days ago
कुँड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह समारोह दिवस लोहरदगा जिला 2023 सम्पन्न

दिनांक 19/02/2023 दिन रविवार को लोहरदगा जिला के ग्राम इरगाँव बजार टाड़ में कुँड़ुख कत्थ तोलोंग सिकि सप्ताह दिवस लोहरदगा जिला 2023 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ स्वागत समिति के अध्यक्ष श्री रोशन कुजूर के स्वागत भाषण से शुरु हुआ। इस कार्यक्रम में बाईस पड़हा भण्डारी श्री मटकु उरांव सिसई गुमला ने लोगों को अपनी कुँड़ुख तोलोंग सिकि को अपने समाज की भाषा संस्कृति के संरक्षण के लिए अनिवार्य बताया। उन्होंने कहा कि अपने समाज की पहचान भाषा और संस्कृति है। इसलिए भाषा के बचाने के लिए उसका साहित्य अपनी लिपि में विकसित किये जाने की आवश्यकता है। इस कार्यक्रम का तकनीकि सहयोग करने वाली संस्था, अखड़ा क

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जो हाल पाकिस्तान की जनता का है वही हाल आदिवासी का भी है

1 month ago
जो हाल पाकिस्तान की जनता का है वही हाल आदिवासी का भी है

जो रिजर्वेशन विकास के लिए दिया गया उसे हम अपना बैसाखी मान बैठें है। आखिर एक कहावत है जब फ्री का पेट भरने के लिए मिल ही जाता है तो फिर दिमाग में इनोवेशन, व्यापार और नया हुनर सीखने के लिए दिमाग क्यों लगाएं।

जो रिजर्वेशन समाज को विकसित करने में खर्च होना था उसे हमलोगों ने उपयोग तो किया लेकिन पढ़ लिख कर अपना पेट, अपना परिवार और अपना आर्थिक इस्तिथि को मजबूत करने में लगा दिया आखिर समाज को मिला कुछ नही। नेता भी बने , ब्यूरोक्रेट भी बने तो सभी ने अपनी अपनी तिजोरी भरने में लगा दिया। ना हमलोगों ने व्यापार पे ध्यान दिया ना ट्रेड और कॉमर्स में, ना प्रोडक्शन में।

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कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह दिवस समारोह सम्पन्न

1 month ago
कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह दिवस समारोह सम्पन्न

दिनांक 12/02/2023 दिन  रविवार को  जिला गुमला के सिसई थाना परिसर के सामने अवस्थित केन्द्रीय सरना स्थल पर एक दिवसीय कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि सप्ताह दिवस समारोह सम्पन्न हुआ। इस समारोह में गुमला जिला के कुड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि लिपि के पठन पाठन से जुड़े छोटे-बडे़ विद्यालय एवं धुमकुड़िया के छात्र, शिक्षक एवं अभिभावक सम्मिलित थे। समारोह का आरंभ शहीद लोहरा उरांव की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया गया। कार्यक्रम में टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर का बैनर तले परेड एवं जुलूस के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया।

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जनजातीय मंत्रालय ने संसद में समुदायों को एसटी दर्जा दिए जाने संबंधी सवाल को नज़रअंदाज़ किया

1 month 1 week ago
जनजातीय मंत्रालय ने संसद में समुदायों को एसटी दर्जा दिए जाने संबंधी सवाल को नज़रअंदाज़ किया

नई दिल्ली: जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने सोमवार को ओडिशा के कांग्रेस सांसद सप्तगिरी शंकर उल्का द्वारा पूछे गए एक सवाल को टाल दिया, जिसमें उन्होंने पूछा था कि केंद्र सरकार और उपयुक्त अधिकरणों के पास अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे के कितने अनुरोध लंबित हैं.

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धुमकुड़िया महबा उल्ला (धुमकुड़िया गौरव दिवस) सम्पन्न

1 month 2 weeks ago
धुमकुड़िया महबा उल्ला (धुमकुड़िया गौरव दिवस) सम्पन्न admin Mon, 02/06/2023 - 08:22

दिनांक 05/02/2023 दिन  रविवार को थाना सिसई, जिला गुमला के ग्राम सैंदा में धुमकुड़िया महबा उल्ला (दिवस) का आयोजन किया गया। इस आयोजन में गाँव के देबीगुड़ी (देवी मां) में छोटे छोटे  बालक बलिकाओं को विधिवत पूजा अर्चना करा कर धुमकुड़िया में प्रवेश दिलाया गया। वहीं शादी का रिश्ता तय हुआ लड़का श्री ऋषभ उरांव को धुमकुड़िया से बिदाई किया गया, जो वर्तमान में इंजीनियर के रूप में कार्यरत हैं । इस अवसर पर कानून विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर, ला युनिवर्सिटी, रांची के श्री रामचंद्र उरांव ने कहा कि - धुमकुड़िया, हमारे कुँड़ुख समाज का पहला स्कूल का केंद्र है। उन्होंने कहा कि आदि काल से ही कुँड़ुख समाज के लोग ध

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कुंड़ुख टाइम्‍स (वेब संस्‍करण) का अक्‍टूबर से दिसंबर 2022 / अंक 5 प्रकाशित

1 month 2 weeks ago
कुंड़ुख टाइम्‍स (वेब संस्‍करण) का अक्‍टूबर से दिसंबर 2022 / अंक 5 प्रकाशित admin Wed, 02/01/2023 - 10:18

कुंड़ुख टाइम्‍स (वेब संस्‍करण) का अक्‍टूबर से दिसंबर 2022 / अंक 5 का यह संस्‍करण काफी पठनीय है। आप इसे यहां ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। आप चाहें तो इसका पीडीएफ फाइल भी अपने लैपटॉप या पीसी अथवा मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते।

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कुंड़ुख़ इंग्लिश मीडियम स्‍कूल में गणतंत्र दिवस संपन्‍न

1 month 3 weeks ago
कुंड़ुख़ इंग्लिश मीडियम स्‍कूल में गणतंत्र दिवस संपन्‍न admin Mon, 01/30/2023 - 19:30

यह विडियो दिनांक 26 जनवरी 2023 को शूट किया गया है। यह विडियो कुंड़ुख़ कत्थ खोंड़हा लूरएड़पा, भगीटोली, डुमरी, गुमला (कुंड़ुख़ इंग्लिश मीडियम) स्कूल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर पारम्परिक वेशभूषा में प्रस्तुत किया गया परेड है। इस स्कूल में 1ली से 3री कक्षा तक सिर्फ कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि में पढ़ाई होती है। आगे 4थी कक्षा से हिन्दी एवं अंग्रेजी पढ़ाया जाता है और आगे चलकर यह इंग्लिश मीडियम स्कूल में बदल जाता है। इस स्कूल से वर्ष 2009 से कुंडुख़ भाषा विषय की परीक्षा तोलोंग सिकि में मैट्रिक परीक्षा लिखी जा रही है। विगत वर्ष 2022 में यहां के सभी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए। इस स्कूल के संस्थापक

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टाटा स्‍टील की ओर से भंडरा में तोलोंग सिकि प्रशिक्षण संपन्‍न

1 month 3 weeks ago
टाटा स्‍टील की ओर से भंडरा में तोलोंग सिकि प्रशिक्षण संपन्‍न admin Sun, 01/29/2023 - 17:03

दिनांक 28 फरवरी 2023 दिन शनिवार को भंडरा (लोहरदगा) प्रखंड के आशा आदिवासी विद्यालय, बलसोता  में  टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से संचालित कुँड़ुख भाषा एवं तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ एक दिवसीय निरिक्षण सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इस निरिक्षण सह प्रशिक्षण कार्यक्रम में टाटा स्टील फाउंडेशन के पदाधिकारियों के द्वारा कुँड़ुख भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि की विकास पर विशेष रूप से चर्चा की गयी। विशेष रुप से आदिवासी भाषा की संरक्षण हेतु स्कूलों में पाठन पाठन की आवश्यकता को  विकल्प बतलाया गया।

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धुमकुडि़या : पारम्परिक सामाजिक, व्यक्तित्व एवं कौशल विकास केन्द्र

1 month 4 weeks ago
धुमकुडि़या : पारम्परिक सामाजिक, व्यक्तित्व एवं कौशल विकास केन्द्र admin Mon, 01/23/2023 - 20:06

धुमकुड़िया, उराँव आदिवासी समाज की एक पारम्परिक सामाजिक, व्यक्तित्व एवं कौशल विकास केन्द्र है। प्राचीन काल से ही यह, गाँव में एक व्यक्तित्व एवं कौशल विकास शिक्षण-शाला के रूप में हुआ करता था, जो गाँव के लोगों द्वारा ही चलाया जाता था। समय के साथ यह पारम्परिक सामाजिक, व्यक्तित्व एवं कौशल विकास केन्द्र विलुप्त होने की स्थिति में है। कुछ दशक पूर्व तक यह संस्था किसी-किसी गाँव में दिखलाई पड़ता था किन्तु वर्तमान शिक्षा पद्धति के प्रचार-प्रसार के बाद यह इतिहास के पन्ने में सिमट चुका है। कुछ लेखकों ने इसे युवागृह कहकर यौन-शोषन स्थल के रूप में पेश किया, तो कई मानवशास्त्री इसे असामयिक कहे, किन्तु अधिकतर च

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सैन्‍दा गांव में धुमकुडि़या जतरा का आयोजन

2 months 1 week ago
सैन्‍दा गांव में धुमकुडि़या जतरा का आयोजन

झारखंड के गुमला जिला के सिसई थाना स्थित सैन्‍दा गांव में धुमकुडि़या जतरा का आयोजन दिनांक 16 फरवरी 2022 को किया गया था। पूर्व में धमकुड़िया एक सामाजिक तथा सांस्कृतिक विरासत का केंद्र रहा था। आधुनिक स्कूल की स्थापना के बाद यह संस्था विलुप्त होने की राह पर है। अब, जब समाज सेवियों एवं शिक्षाविदों   की दृष्टि इस ओर पड़ी तो कुछ नवयुवक नवयुवती इसे आगे बढ़ाने के लिए तैयार हो गए हैं। इसी क्रम में सैन्दा ग्राम में यह धुमकुड़िया जतरा समारोह मनाया गया। इस धुमकुड़िया जतरा समारोह में इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे लड़के भी शामिल हुए। साथ ही नौकरी पेशा वाले ग्राम वासी भी अपने बच्चों को साथ लेकर आये। इ

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Learning KURUKH [Tribal Language] through Rhymes Recitation in Rural Jharkhand II

2 months 3 weeks ago
Learning KURUKH [Tribal Language] through Rhymes Recitation in Rural Jharkhand II

पूरा वीडियो यहां देखें: https://youtu.be/AU5W3dAqQgQ 
इस वीडियो के बाल-गीत के बोल- 
छोटे बच्‍चे अपनी मां से चिडि़यों के बच्‍चे के माध्‍यम से संदेश देते हुए कहते हैं कि - 
ओ मां, छोटी चिडि़यां चेरे-बेरे चेरे-बेरे, चीं - चीं - चीं कर रही हैं, और चेरे-बेरे, चेरे-बेरे करते हुए दूध भात मांग रही है। 
ओ मां, छोटी चिडि़यां चेरे-बेरे चेरे-बेरे, चीं - चीं - चीं कर रही हैं, और चेरे-बेरे, चेरे-बेरे करते हुए पैण्‍ट-कमीज मांग रही है। 

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Learning KURUKH [Tribal Language] through Rhymes Recitation in Rural Jharkhand III

2 months 3 weeks ago
Learning KURUKH [Tribal Language] through Rhymes Recitation in Rural Jharkhand III

पूरा वीडियो यहां देखें: https://youtu.be/AU5W3dAqQgQ 
बाल कविता में छोटे बच्‍चों में से एक भाई अपनी छोटी बहन के लिए चन्‍दा मामा से गरम-गरम रोटी की मांग करते हुए दोनों भाई-बहन कहते हैं कि -
ओ चन्‍दा मामा, तुम मेरी छोटी बहन और मेरे लिए रोटी दो, तुम हम दोनों के लिए रोटियां दो।
ओ चन्‍दा मामा, हमारी मां का दिया हुआ रोटी गड्ढे में गिर गया, जिसे एक लालची बुढि़या उठा ली और अकेले खा गई, हमें नहीं दी।
ओ चन्‍दा मामा, छिलका रोटी नहीं, छाना हुआ रोटी हो तथा ठण्‍डा नहीं गरम हो, ओ चन्‍दा मामा तुम हमें रोटियां दो, हमें रोटियां दो।
साभार - चींचो डण्‍डी अरा ख़ीरी,

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Learning KURUKH [Tribal Language] through Rhymes Recitation in Rural Jharkhand I

2 months 3 weeks ago
Learning KURUKH [Tribal Language] through Rhymes Recitation in Rural Jharkhand I admin Wed, 12/28/2022 - 19:12

पूरा वीडियो यहां देखें: https://youtu.be/AU5W3dAqQgQ 
इस वीडियो में गाये जा रहे गीत के बोल- दादी-नानी अपने चरवाहे पोते से कहती है कि - 
ओ इधर-उधर नजर करने वाले बच्‍चे, तुम किस प्रकार गाय-बैल चरा रहे हो, तुम्‍हारी बकरी भाग गयी और सियार का चारा बन गई।
ओ इधर-उधर नजर करने वाले बच्‍चे, तुम घर-द्वार खेलने में लीन हो, तुम्‍हारी भेड़ भाग गई और हुण्‍डार का चारा बन गई।
ओ इधर-उधर नजर करने वाले बच्‍चे, तुम लस्‍सा-ठुंगही से चिडि़या पकड़ने में लीन हो, तुम्‍हारी बाछी भाग गई और हड़हा का चारा बन गई।

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Checked
2 hours 34 minutes ago
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