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उरांव पड़हा ग्राम सभा में नृत्य-संगीत
यह विडियो दिनांक 28.03.2025 को शूट किया गया है। यह आयोजन परम्परागत उरांव पड़हा ग्रासभा, सिसई-भरनो के सदस्यों द्वारा संचालित किया गया है। इस आयोजन की पूरी व्यवस्था, ग्रामीण लोगों के आपसी सहयोग से किया गया है। आपसी सहयोग एवं समर्पण तथा समाज के युवकों एवं बुजुर्गों का आपसी तालमेल आने वाले समय के लिए एक सराहनीय कदम है। आइए विडियो का अवलोकन एवं मुल्यांकन करें -
अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2023 भोपाल, में पढ़ी गई कुंड़ुख (उरांव) कविताएं
डॉ नारायण उरांव 'सैन्दा' द्वारा अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव 2023 भोपाल, में पढ़ी गई कुंड़ुख (उरांव) - हिन्दी अनुवाद कविताएं
फागु सेंदेरा की मुण्डारी लोककथा
फागुन का महीना खत्म होने ही वाला है, होलिका दहन एवं उसके दूसरे दिन होली का त्योहार भारत
के लगभग हर हिस्से में बहुत ही उल्लास और जोश के साथ मनाया जाता है, किंतु यदि मुंडा
जनजाति( होडो) की आदिम परंपरा एवं लोक कथाओं पर नजर डाले तो फागू नेग एवं सेंदरा की
परंपरा दिखाई पडती है। मुंडा जनजाति प्राचीन काल से ही फागू नेग और सेंदरा की परंपरा को पीढी
दर पीढी करता आया है, चूंकि होली एवं फागू परब वर्ष के एक समय में होता है इसी कारण लोगो
द्वारा इसे एक समझ लिया जाता है जबकि दोनो में कोई समानता नहीं है। आइए हम प्राचीन काल
तोलोंग सिकि एवं कुँड़ुख भाषा हप्ता 2025 कार्यक्रम शंकोसाईं में उन्नतिशील
दिनांक- 16 फरवरी 2025, दिन- शनिवार को टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर एवं अद्दी अखड़ा संस्था, रांची द्वारा संयुक्त रूप के सहयोग से संचालित शंकोसाईं में कुँड़ुख भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि हप्ता दिवस 2025 समारोह आयोजित हुआ। जिसमें शंकोसाईं के अध्यक्ष- श्रीमान लक्ष्मण मिंज, सचिव- श्रीमान राजेश तिर्की एवं समन्वयक- सुश्री गीता कोया के द्वारा बच्चों को कुँड़ुख भाषा एवं तोलोंग सिकी के प्रति जागरूक किया गया। मंच में पद आसिन सभी के द्वारा बच्चों को उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वचन एवं मार्गदर्शन दिया गया। साथ ही वहां उपस्थित स्थानीय लोगों एवं विद्यार्थियों में कुँड़ुख भाषा संबंधित कैलेंडरों और पुस्तकों का
बाबा कार्तिक उरांव पुस्तकालय शहरबेड़ा में मनाया कुँड़ुख़ कत्थ तोलोंङ सिकि लिपि हफ्ता दिवस 2025
दिनांक- 16 फरवरी 2025, दिन- रविवार को टाटा स्टील फांउडेशन, जमशेदपुर एवं अद्दी कुँड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा रांची के संयुक्त तत्वावधान से संचालित तोलोंङ सिकि सह कुँड़ुख़ भाषा शिक्षण केंद्र बाबा कार्तिक उरांव पुस्तकालय शहरबेड़ा के प्रांगण में कुँड़ुख़ कत्थ तोलोंङ सिकि लिपि हफ्ता दिवस 2025 मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विटापुर पंचायत के मुखिया श्री इंद्रजीत उरांव एवं उरांव समाज सरना समिति मोसोड़ीह, सरायकेला-खरसावां के पदाधिकारी श्री बीरेन्द्र उरांव श्री होरेन उरांव एवं समाज के अगुवागण एवं बुद्धिजीवी गणों द्वारा संयुक्त रूप से द्विप प्रज्वलित कर एवं बाबा कार्तिक के प्रतिमा पर माल्यार्
बिरसानगर जमशेदपुर में तोलोंग सिकि एवं कुँड़ुख भाषा हप्ता 2025 कार्यक्रम रहा शानदार
दिनांक- 15 फरवरी 2025, दिन- शनिवार को टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर एवं अद्दी अखड़ा संस्था, रांची द्वारा संयुक्त रूप के सहयोग से संचालित धुमकुड़िया बिरसानगर जोन नंबर- 6 में कुँड़ुख भाषा एवं तोलोंग सिकि लिपि हप्ता दिवस 2025 समारोह का आयोजन किया गया था। जिसमें धुमकुड़िया बिरसानगर जोन नंबर- 6,2 और जोन नंबर- 10 के विद्यार्थीगण, सदस्यगण एवं शिक्षिकाएं शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ बाबा कार्तिक उरांव जी की मूर्ति पर माल्यार्पन एवं धूप- अगरबत्ती कर किया गया । उसके बाद बैनर तोलोंग सिकि लिपि का कैलेंडर, सरना झंडा और पारंपरिक वाद्य यंत्र के साथ बिरसानगर जोन नंबर 6 में रैली निकला गया। रैली में सभी बच
टांगरबसली कार्तिक उरांव AVDM स्कूल में वार्षिक उत्सव 2025 एवं चित्रांकन प्रतियोगिता समारोह संपन्न
दिनांक 16 फरवरी 2025 दिन रविवार को कार्तिक उरांव AVDM स्कूल के प्रांगण में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वार्षिक उत्सव एवं चित्रांकन प्रतियोगिता समारोह मनाया गया। जिसमें रांची जिला के विभिन्न स्कूल के छात्र-छात्राओं ने चित्रांकन प्रतियोगिता में भाग लिए। रांची जिला के विभिन्न स्कूल जिसमें कुरुख भाषा एवं तोलोग सिकी लिपि में पढ़ाया जाता है। इसी प्रकार कई विद्यालय के छात्र छात्राएं और शिक्षक -शिक्षिकाओ के साथ कुरुख संस्कृति से नाच गान का कार्यक्रमभी किया गया।
बसिया प्रांगण में पहली बार कुँड़ुख भाषा तोलोंग सिकी हफ्ता दिवस 2025 समारोह का सफल आयोजन
स्वतंत्रता सेनानी वीर बुधु भगत का 233 वीं जयंती सह कुँड़ुख भाषा-लिपि दिवस समारोह का रोहतासगढ़ में संपन्न
रोहतासगढ़ 17 फरवरी, 2025: रोहतासगढ़ पंचायत अंतर्गत माधा में आदिवासी समाज में जन्मे महान स्वतंत्रता सेनानी वीर बुधु भगत जी का 233 वीं जयंती सह कुँड़ुख भाषा-लिपि दिवस मनाया गया। जिसमें रोहतास और कैमूर के तोलोंग सिकी के शिक्षकगण उपस्थित हुए और सामाजिक कार्यकर्ता भी बढ़-चढ़कर के हिस्सा लिए। इस कार्यक्रम के अध्यक्षता मनोज उरांव ने किया और उन्होंने अध्यक्षता करते हुए बताया कि बहुत हमें गर्व होता है कि हम आदिवासी समाज में हमने जन्म लिया और हमारे आदिवासी समाज में बहुत सारे आदिवासी महापुरुष और आदिवासी वीरांगनाएं पैदा हुई जो काबिले तारीफ है। हमें और पूरे राष्ट्र के लोगों को भी गौरन्वित होना चाहिए। इस
बलसोता में कुँड़ुख़-कत्थ तोलोङ सिकि हफ्ता दिवस 2025 एवं वीर बुधु भगत जयंती समारोह संपन्न
दिनांक- 17 फरवरी 2025, दिन- सोमवार को टाटा स्टील फांउडेशन, जमशेदपुर एवं अद्दी कुँड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा रांची के संयुक्त रूप से संचालित तोलोंङ सिकि सह कुँड़ुख़ भाषा शिक्षण केंद्र आशा आदिवासी विद्यालय बलसोता, सरना टोली, भण्डरा के प्रांगण में कुँड़ुख़ कत्थ तोलोंङ सिकि लिपि हफ्ता दिवस 2025 एवं वीर बुधु भगत जयंती समारोह मनाया गया। जिसमें लोहरदगा जिला के विभिन्न स्कूल जिसमें कुँड़ुख़ भाषा एवं तोलोङ सिकि लिपि में पढ़ाया जाता है। इसी प्रकार कई विद्यालय के छात्र- छात्रांए और शिक्षक- शिक्षिकाओं के साथ कुँड़ुख भाषा रिझवार शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ संयुक्त रूप से द्विप प्रज्वलित कर एव
गुमला जिला कुड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि लिपि दिवस सप्ताह समारोह शिवनाथपुर में सम्पन्न
दिनांक 12.02.2025 दिन बुधवार को गुमला जिले का नाम सिसई प्रखण्ड स्थित शिवनाथपुर पंचायत के प्रस्तावित कुँड़ुख़ उच्च विद्यालय शिवनाथपुर सिसई के स्कूल प्रांगण में हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी धुमधाम से कुँड़ुख़ कत्थ तोलोंग सिकि लिपि सप्ताह दिवस मानाया गया। इस आयोजन में टाटा स्टील फाउंडेशन जमशेदपुर एवं अद्दी कुड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा रांची, संस्था के संयोजन में संचालित एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट से जुड़े गुमला जिला के सभी कुड़ुख़ भाषा केन्द्र के छात्र एवं बच्चे शामिल हुए।
झारखंड के सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आदिवासी लिपियों में पढ़ाई की जाए
आज दिनांक 13/02/2025, दिन गुरुवार को आदिवासी छात्र संघ के केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उराँव के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राज्यपाल से मुलाकात की।
धुमकुड़िया महबा उल्ला 2025 सैंदा में संपन्न हुआ
दिनांक 09/02/2025 को ग्राम - सैंदा, जिला गुमला में धुमकुड़िया कोरना- पूरना (प्रवेश-विदाई) का समारोह सम्पन्न हुआ। इस समारोह में बच्चे, बड़े बच्चे एवं बड़े बुजुर्ग उपस्थित हुए। यह आयोजन प्रतिवर्ष माघ महीने के शुक्ल पक्ष में हुआ करता है। इस वर्ष यह आयोजन शुक्ल पक्ष में रविवार के दिन दिनांक 09.02.2025 को ग्रामीणों के सहयोग से आयोजित हुआ।
देवनागरी लिपि का आधार : एक चर्चा
यह विडियो दिनांक 30.01.2025 दिन बृहस्पतिवार को शूट किया गया है। यह विडियो कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के वेद विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनय कुमार मिश्रा एवं कुड़ुख़ तोलोंग सिकि लिपि के सर्जक डॉ नारायण उरांव सैन्दा के बीच हुई बातचीत का अंश है। इस बातचीत में देवनागरी लिपि का आधार विषय पर चर्चा किया गया है। वेद विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ विनय कुमार मिश्रा द्वारा वेद पाठ करते हुए व्याकरण एवं उससे संबंधित उच्चारण स्थान का व्याख्या किया गया। दोनों विद्वतजनों के बीच बातचीत मेरे लिए एक विहंगम दृश्य था। मुझ जैसे शोधकर्ता के लिए माननीय गुरुजनों का आशीर्वचन प्राप्त करने का सौभाग्य
मुझे प्रसार भारती, नई दिल्ली द्वारा हवाई जहाज का टिकट भेजा गया : अरविंद उरांव
रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कुँडुख स्कूल, मंगलो, सिसई, गुमला के प्रधानाचार्य श्री अरविंद उराँव एवं उनकी पत्नी श्रीमती शांति उराँव को गणतंत्र दिवस समारोह 2025 में स्पेशल गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया।
कुँडुख स्कूल मंगलो अब होगा आवासीय, कुँडुख भाषा को व्यवहार में लाना होगा आसान
कुद्दोय न बेद्दोय ओक्कोय न ख़क्खोय ,पुरखर घी आ:इनका कत्था। हम सभी कुँडुख़ समुदाय को उन्हे कुँडुख थिंकर की उपाधि देनी चाहिए। उपाधि हमारे कुँडुख भाषा को उंचाई तक ले जाने में एक साथी रुप में प्रस्तुत होगा। कभी कभी मैं आश्चर्यचकित हुआ हूँ कि सुनने में मार्ग दर्शन-भार जैसे फिलिंग हुई। लेकिन बताए मार्ग पर चलना बिल्कुल आसान था, ज्ञानप्रद, आनंदमय और शिक्षाप्रद था, वह मेरे लिए एक प्रेरणास्रोत बन कर उभर रहे हैं। यह लम्बे वक्त का अनुभव है।
The Historical Significance of Rohtasgarh and Oraons
Rohtasgarh is a historical place of significant value for the Oraon tribe. The Oraon, or Kurukh, are one of the largest tribal groups in Eastern India. There is some geographical situation in this mountain towards Son River where several descending roots descend down from up. These roots called as Ruih in Kurukh/Oraon language. So the mountain become famous as Ruih Parta and residents of this mountain called as Ruih Parta Ta. Gradually Ruih Parta Ta/tas become Ruihtas in there Kurukh language and King or Kabila Head become popularly named as Ruihta Be:las.
ताेलाेंङ सिकि कुंड़ुख़ व्याकरण संबंधी आवश्यक जानकारी
देवनागरी लिपि से कुंड़ुख भाषा की सभी ध्वनियों को ज्यों का त्यों लिखने में कठिनाई होती है । अतः देवनागरी लिपि के मूल सिद्धांत ‘एक ध्वनि एक संकेत’ के अनुसार तथा पुनरूक्ति दोष से बचने हेतु प्रचलित ध्वनि चिह्न के नीचे या उपर भाषा विज्ञान एवं तकनीकि सम्मत, पूरक चिह्न देकर पढ़ने एव लिखने के तरीके को तोलोंग सिकि में अपनाया गया है, जिस प्रकार कि उर्दू भाषा के ध्वनियों को दिखलाने के लिए देवनागरी अक्षर के नीचे बिन्दु देने की मान्यता है । जैसे - क़, ख़, ग़, ब़, फ़, ज़, व़ आदि । कुँड़ुख़ भाषा की ध्वनियों के लिए पूरक चिह्न का प्रयोग इस प्रकार किया गया है:- ..
क्या राज्य सरकार को पंचायत अधिनियम या पेसा पर कानून बनाने का अधिकार है?
पेसा कानून की नियमावली, पेसा कानून,1996 के मूल प्रावधानों के ही आलोक में बनाना है पर लोगो में कुछ भरम की स्थिति है । एक छोटा सा प्रयास है इसको दूर करने का ।जैसे, अस्पष्टता और भ्रम के निम्न बिंदु हैं।