धार्मिक उपनिवेषवाद और उरांव समाज के विकास की धारा
उपनिवेषवाद का अर्थ है - ‘‘किसी समृद्ध एवं शक्तिशाली राष्ट्र द्वारा अपने विभिन्न हितों को साधने के लिए किसी निर्बल किन्तु प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण राष्ट्र के विभिन्न संसाधनों का, शक्ति के बल पर उपभोग करना।’’
यहाँ धार्मिक उपनिवेषवाद का अर्थ है - कमजोर और असंगठित समाज को अपने धार्मिक जाल में उलझा कर उसके सांस्कृतिक विरासत का विनाश करते हुए अपने समूह में मिला लेना है।
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