Aggregator

हाईकोर्ट झारखंड एवं छत्तीसगढ़ का आदेश और परम्परागत उरांव समाज का सामाजिक न्याय पंच व्यवस्था

3 days 12 hours ago
हाईकोर्ट झारखंड एवं छत्तीसगढ़ का आदेश और परम्परागत उरांव समाज का सामाजिक न्याय पंच व्यवस्था admin Thu, 05/02/2024 - 10:40

माननीय हाईकोर्ट के टिप्पणी के बाद परम्परागत उरांव समाज के जागरूक लोग अपने पुस्तैनी विरासत को संयोजने के लिए विगत 12 वर्ष तक काम को सम्पादित कर वर्तमान समय के न्यायालय व्यवस्था के मोताबिक परम्परागत उरांव सामाजिक न्याय पंच का अभिलेख तैयार किया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए इस शीर्षक का पी.डी.एफ. पढ़ें... 

admin

कार्तिक उरांव आदिवासी कुँड़ुख स्कूल मंगलो, सिसई में  खद्दी परब (सरहुल परब) धुमधाम से मनाया गया

3 days 14 hours ago
कार्तिक उरांव आदिवासी कुँड़ुख स्कूल मंगलो, सिसई में  खद्दी परब (सरहुल परब) धुमधाम से मनाया गया admin Thu, 05/02/2024 - 08:06

गुमला जिले के कुड़ुख़ भाषी क्षेत्र के मंगलो ग्राम में स्थित कार्तिक उरांव आदिवासी कुँड़ुख स्कूल मंगलो,सिसई के श‍िक्षकों तथा छात्रों द्वारा अपनी भाषा-संस्कृति को बचाने के लिए विशेष पहल करते हुए अनोखे अंदाज में खद्दी पर्व मनाया गया। इस वर्ष का नया अंदाज यह था कि - विलुप्त होते प्राचीन गीतों का षोध-अनुसंधान कर पुनः कुँड़ुख भाषा में पारंपरिक रूप में मांदर-नगाड़ा के साथ लोगों ने सामूहिक प्रस्‍तुतिकरण किया।  इसके लिए छात्रों द्वारा शिक्षकों की देखरेख 01 महीने से शनिवार को अपराहृन में अभ्‍यास किया करते थे। इस वर्ष बच्‍चों के प्रस्‍तुति को देखकर बुजूर्ग उत्‍साहित एवं खुश हुए।

admin

भाषाई विरासत का अनावरण: मराठी, गुजराती, मारवाड़ी और सिंधी पर द्रविड़ प्रभाव

1 week 3 days ago
भाषाई विरासत का अनावरण: मराठी, गुजराती, मारवाड़ी और सिंधी पर द्रविड़ प्रभाव

हड़प्पा सभ्यता के पतन के बाद, आक्रमणकारी आर्यों ने 16 आर्य राज्यों की स्थापना की, जैसा कि दूसरी छवि में दर्शाया गया है। किंवदंती है कि राम के सौतेले भाई भरत ने तक्षशिला शहर की स्थापना करके गांधार साम्राज्य तक अपना प्रभाव बढ़ाया। यह क्षेत्र, गांधार, भरत की माता कैकेयी के पैतृक क्षेत्र केकेय साम्राज्य के निकट था। इस बीच, राम के भाई लक्ष्मण को गंगा के किनारे लक्ष्मणपुरा की स्थापना का श्रेय दिया जाता है, जिसे अब लखनऊ के नाम से जाना जाता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कथित तौर पर वंगा साम्राज्य (बंगाल) को उपनिवेश बनाया, और वहां चंद्रकांता शहर की स्थापना की। कहा जाता है कि राम के सबसे छोटे भाई शत्रु

admin

सरहुल की बहुत बधाई और शुभकामनायें!

3 weeks 2 days ago
सरहुल की बहुत बधाई और शुभकामनायें!

देश के आदिवासी बहुल इलाकों में सरहुल का पर्व धूमधाम से मनाया गया। झारखंड की राजधानी रांची में सड़कों पर पुरूष महिलाओं और बच्‍चों का सैलाब नजर आया। आपको भी सरहुल की बहुत बधाई।

admin

आज के समय में इंसान इंटरनेट में कैद है और प्राकृति से दूर है

3 weeks 5 days ago
आज के समय में इंसान इंटरनेट में कैद है और प्राकृति से दूर है

लेकिन अगर आपको समय मिले तो phytoncides प्रोसेस के बारे में गूगल करिएगा। आपको पता चलेगा कि जंगलों की ओर जाने से और वहां सांस लेने से आप अपना इम्यून सिस्टम बेहतर कर सकते हैं।

पूरा जंगल एक दूसरे की मदद करता रहता है। इस पूरे कांसेप्ट को Ubuntu कहते हैं। हम खुद को समझदार मानते हैं। लेकिन हमें ये कांसेप्ट बहुत कुछ सिखा सकता है। इसलिए दूसरों की मदद करते रहें और आगे बढ़ते रहें।

admin

परम्परागत आदिवासी समाज और डिलिस्टिंग विषयक राजनीति

4 weeks ago
परम्परागत आदिवासी समाज और डिलिस्टिंग विषयक राजनीति

श्री गजेन्द्र उरांव उर्फ नाना जी उम्र 70 वर्ष थाना सिसई जिला गुमला के रहनेवाले एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। स्कूली शिक्षा में बे 9वीं पास हैं। उनका कहना है कि बचपन में उनके माता पिता स्कूल न भेजकर, बैल-बकरी चराने के लिए भेजते थे। इस कार्य में उनका दिल नहीं लगता था। तब वे बड़े भाई के साथ बोकारो के कोयला खादान में काम करने चले गए। वहां कई साल रहे पर वहां भी खादान के काम में भी मन नहीं लगा। फिर वे वापस गांव चले आए। गांव आकर अपने से 5-6 वर्ष छोटे उम्र के साथियों के साथ गांव के यू0पी0 स्कूल,सैन्दा (सिसई,गुमला) में नामांकन कराये। वहां 5वीं तक पढ़ाई करने के बाद वे राजकीय मध्य विद्यालय,सिसई में दाखिला

admin

वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 3/3)

4 weeks 1 day ago
वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 3/3) admin Sat, 04/06/2024 - 11:56

वैदिक वर्णमाला और संस्कृत वैयाकरण विशेषज्ञों की मान्यताएं विषय पर चर्चा करना कोई आसान काम नहीं है। फिर भी इसे जानने और समझने का प्रयास किये जाने पर ही यह बातें लोगों तक पहुंच पाएंगी। जब मैं 1991-96 में आदिवासी उरांव भाषा की लिपि विषय पर कार्य कर रहा था, तब संस्कृत व्याकरण के ग्रेजुएट ने संस्कृत व्याकरण के तथ्यों एवं मान्यताओं पर प्रकाश डाला। मैं तब से अबतक इसे समझने का प्रयास कर रहा हूं। इसके संदर्भ में नयी जानकारी के साथ यह फोटो पी डी एफ देखें और पढ़ें -- डॉ नारायण उरांव 'सैन्दा

इस आलेख का अगला हिस्‍सा ठीक नीचे लिंक में देखें: 

admin

वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 2/3)

4 weeks 1 day ago
वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 2/3) admin Sat, 04/06/2024 - 11:51

वैदिक वर्णमाला और संस्कृत वैयाकरण विशेषज्ञों की मान्यताएं विषय पर चर्चा करना कोई आसान काम नहीं है। फिर भी इसे जानने और समझने का प्रयास किये जाने पर ही यह बातें लोगों तक पहुंच पाएंगी। जब मैं 1991-96 में आदिवासी उरांव भाषा की लिपि विषय पर कार्य कर रहा था, तब संस्कृत व्याकरण के ग्रेजुएट ने संस्कृत व्याकरण के तथ्यों एवं मान्यताओं पर प्रकाश डाला। मैं तब से अबतक इसे समझने का प्रयास कर रहा हूं। इसके संदर्भ में नयी जानकारी के साथ यह फोटो पी डी एफ देखें और पढ़ें -- डॉ नारायण उरांव 'सैन्दा

इस आलेख का अगला हिस्‍सा ठीक नीचे लिंक में देखें: 

admin

वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 1/2)

4 weeks 1 day ago
वैदिक वर्णमाला और संस्‍कृत व्‍याकरण ऐसे समझिये (भाग 1/2) admin Sat, 04/06/2024 - 11:25

वैदिक वर्णमाला और संस्कृत व्‍याकरण विशेषज्ञों की मान्यताएं विषय पर चर्चा करना कोई आसान काम नहीं है। फिर भी इसे जानने और समझने का प्रयास किये जाने पर ही यह बातें लोगों तक पहुंच पाएंगी। जब मैं 1991-96 में आदिवासी उरांव भाषा की लिपि विषय पर कार्य कर रहा था, तब संस्कृत व्याकरण के ग्रेजुएट ने संस्कृत व्याकरण के तथ्यों एवं मान्यताओं पर प्रकाश डाला। मैं तब से अबतक इसे समझने का प्रयास कर रहा हूं। इसके संदर्भ में नयी जानकारी के साथ यह फोटो पी डी एफ देखें और पढ़ें -- डॉ नारायण उरांव 'सैन्दा

admin

धुमकुडि़या : आदिवासी समाज की आरंभिक सामाजिक पाठशाला (भाग 3/3)

1 month ago
धुमकुडि़या : आदिवासी समाज की आरंभिक सामाजिक पाठशाला (भाग 3/3)

इस विशेष अंक का भाग-3 नीचे ऑनलाइन पढ़ें नि: शुल्‍क.. 
आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं.. 

धुमकुडि़या भाग-2 https://kurukhtimes.com/node/380 
धुमकुडि़या भाग-1 https://kurukhtimes.com/node/379

admin

धुमकुडि़या : आदिवासी समाज की आरंभिक सामाजिक पाठशाला (भाग 2/3)

1 month ago
धुमकुडि़या : आदिवासी समाज की आरंभिक सामाजिक पाठशाला (भाग 2/3)

इस विशेष अंक का भाग -2 नीचे ऑनलाइन पढ़ें नि: शुल्‍क.. 
आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं.. 

धुमकुडि़या भाग-3 https://kurukhtimes.com/node/381

धुमकुडि़या भाग-1 https://kurukhtimes.com/node/379

admin

धुमकुडि़या : आदिवासी समाज की आरंभिक सामाजिक पाठशाला (भाग1/3)

1 month ago
धुमकुडि़या : आदिवासी समाज की आरंभिक सामाजिक पाठशाला (भाग1/3)

इस विशेष अंक का भाग एक नीचे ऑनलाइन पढ़ें नि: शुल्‍क.. 
आप इसे डाउनलोड कर सकते हैं.. 

 

धुमकुडि़या भाग-2 https://kurukhtimes.com/node/380
धुमकुडि़या भाग-3 https://kurukhtimes.com/node/381

admin

कुंड़ुंख टाइम्‍स डिजिटल मैगजिन Vol 07

1 month ago
कुंड़ुंख टाइम्‍स डिजिटल मैगजिन Vol 07

इस डिजिटल मैगजिन को यहां ऑनलाइन पढ़ सकते हैं अथवा पीडीएफ कॉपी डाउनलोड कर सकते हैं, नीचे.. 

admin

कुंड़ुखटाइम्‍स मैगजिन का डिजिटल एडिशन Vol 10

1 month ago
कुंड़ुखटाइम्‍स मैगजिन का डिजिटल एडिशन Vol 10

यहां पीडीएफ में नि:शुल्‍क पढ़ें कुंड़ुखटाइम्‍स मैगजिन का डिजिटल एडिशन Vol 10 .

आप यहां नीचे से डाउनलोड भी कर सकते हैं। 

admin

परम्‍परागत ग्रामसभा पड़हा बेलपंच्‍चा सामाजिक न्‍याय पंच - Digital

1 month ago
परम्‍परागत ग्रामसभा पड़हा बेलपंच्‍चा सामाजिक न्‍याय पंच - Digital

परम्‍परागत ग्रामसभा पड़हा बेलपंच्‍चा सामाजिक न्‍याय पंच पर विशेष कवरेज। इस विशेष अंक को यहां नीचे पीडीएफ में पढ़ सकते हैं। आप चाहें तो इसे यहीं से डाउनलोड भी कर सकते हैं।   

admin

कुंड़ुंख टाइम्‍स का मैगजिन Vol 09 प्रकाशित हो गया है...

1 month ago
कुंड़ुंख टाइम्‍स का मैगजिन Vol 09 प्रकाशित हो गया है... admin Sun, 03/31/2024 - 10:48

कुंड़ुंखटाइम्‍स की डिजिटल पत्रिका छप गई है। इस बार की पत्रिका में कई खास लेख शामिल हैं। आप इसे नि:शुल्‍क ऑनलाइन पढ़ सकते हैं। आप चाहें तो इसका पीडीएफ वर्जन भी यहां से डाउनलोड कर सकते हैं। नीचे..  

admin

झारखंड में घुसपैठियों के आतंक पर परिचर्चा संपन्‍न आदिवासियों की जमीन और बेटियों की आबरू लूट का मसला

1 month 1 week ago
झारखंड में घुसपैठियों के आतंक पर परिचर्चा संपन्‍न आदिवासियों की जमीन और बेटियों की आबरू लूट का मसला admin Fri, 03/29/2024 - 11:32

रांची: झारखंड के आदिवासी इलाकों में घुसपैठियों का आतंक बढ़ता जा रहा है। घुसपैठिये आदिवासियों की जमीन ही नहीं लूट रहे आदिवासी बेटियों की आबरू से लेकर उनकी तस्‍करी तक कर रहे हैं। इसी प्रसंग में विगत रविवार यानी 24 मार्च 2024 को शाम साढ़े सात से साढ़े नौ बजे तक एक परिचर्चा का आयोजन संपन्‍न हुआ। विषय था: "झारखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में सरहद पार घुसपैठियों द्वारा जमीन और बेटियों की मची लूट पर रोकथाम की पहल "

admin

फग्गु परब अरा डिण्‍डा सिम्‍बाली गही कुंडु़ख़  पुरखा ख़ीरी

1 month 1 week ago
फग्गु परब अरा डिण्‍डा सिम्‍बाली गही कुंडु़ख़  पुरखा ख़ीरी

(फगुवा परब एवं सेमल पेड़ की पौराणिक  उरांव लोक-कथा) : बअ़नर हुल्लो परिया नु कुँडुख़ खोंड़हा ओंगओल अकय ससईत नु रहचा। ओण्टा सोनो गिधि (WHITE VULTURE) आल जियन केरमे-केरमे पिटा-मुंज्जा लगिया। आद आःलर गही उगता-पगसिन ओन्टे कोहाँ ले सरा-हरा सिम्बाली मन्न नु खोता कमआ लगिया अरा आःलारिन नेप्पा-नेप्पा खोता मइय्याँ पिटा-मोख़ा लगिया। आद 12 चान नू ओंगओल बरअम लबगया अरा आलारिन तंगआ खोता नू पिटा मोंख़ा लगियाा। बअ़नर अदि गही बरचका ख़ोख़ा  एका-एका से उल्ला कट्टा लगिया अन्नेम नितकिम ओरोत आल जिया खोंडहा ती नठारआ लगियर। गोट्टे खोंड़हा नु हुही चूःचकी रहचा का ओन्टा सोनो गिधि बरई दरा ओरोत आल जियन निप्पी-पिसी दरा पिटी

admin

Kurukh Training Session at Kolkata

1 month 1 week ago
Kurukh Training Session at Kolkata admin Sat, 03/23/2024 - 17:04

Refresher Training program on kurukh Language, 2024 was held from 19.03.2024 to 20.03.2024. This training program was organised by Cultural Research Institute, Kolkata, Govt of West Bengal in collaboration with Kurukh Literary Society of India Kolkata Chapter and this was sponsored by Tribal Development Department, Govt of WB. This program was held at Sidhu Kanu Bhavan, Salt Lake, Kolkata. In this program 32 Kurukh trainees participated from all over South Bengal who were previously participated in the primary level training program.

admin

अंतर्राष्ट्रीय धावक बुधवा उरांव को अद्दी अखड़ा रांची की ओर से श्रद्धांजलि

1 month 1 week ago
अंतर्राष्ट्रीय धावक बुधवा उरांव को अद्दी अखड़ा रांची की ओर से श्रद्धांजलि admin Sat, 03/23/2024 - 16:53

पूर्व अंतर्राष्ट्रीय धावक बुधवा उरांव नही रहे लम्बे समय तक उन्होंने एथेलेटिक्स में देश और दुनिया में भारत का प्रतिनिधित्व किया वर्ष 1985 में मास्को में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय एथेलेटिक्स प्रतियोगिता में 800 मीटर के दौड़ में आभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए भारत को पदक दिलाया था 1986 के ओलम्पिक क्वालीफायर में 800 मीटर के दौड़ में तकनीकी के कारण ओलम्पिक में डिसक्वालीफाई कर गए थे ।1986 के ही एशियन गेम्स में 800 मीटर के दौड़ में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता । फिर वर्ष 1987 ढाका में आयोजित साउथ एशियन गेम्स 800 मीटर दौड़ में नया राष्ट्र रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता ।। वर्ष 1989 में कनाडा में आयोजित वर्

admin