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KT MAG 06

Kurukh Times बहुभाषीय पत्रिका का छठा अंक प्रकाशित हो चुका है। अपनी खास साज-सज्‍जा और समृद्ध लेखों से परिपूर्ण यह पत्र…

Kurukh Times Magazine Vol 05

कुंड़ुख टाइम्‍स (वेब संस्‍करण) का अक्‍टूबर से दिसंबर 2022 / अंक 5 का यह संस्‍करण काफी पठनीय है। आप इसे यहां ऑनलाइन पढ…

Dhumkuria Book

धुमकुड़िया, उराँव आदिवासी समाज की एक पारम्परिक सामाजिक, व्यक्तित्व एवं कौशल विकास केन्द्र है। प्राचीन काल से ही यह, गा…

Kurukh Times print edition 04
कुंड़ुख टाइम्‍स त्रैमासिक पत्रिका का चतुर्थ (4th)अंक प्रकाशित हो गया है। यह अंक 'बिसुसेन्‍दरा विशेषांक' है। यह अंक Tata
शब्‍दावली बैठक 1

दिनांक 01 मई 2022, दिन रविवार को आदिवासी उराँव समाज समिति, बिरसा नगर, जोन न०-6, जमशेदपुर में ‘‘कुँड़ुख़ व्याकरण की पार…

KurukhTimes.com Print Edition Vol. 1

आपको तो पता है कि हमारा-आपका एक और वेबसाइट KurukhTimes.com लम्‍बे समय से आपको कुंड़ुख जगत की खबरें, सूचनाएं और शोध आद…

पहेलियां..

कुंड़ुख़ भाषा में पहेलियों का प्रयोग बखुबी होता है। बच्चों के लिए यह बौदि्धक एवं भाषा विकास का एक अनोखा तरीका है जिसे स…

कुड़ुख मुहावरे

कुंड़ुख़ भाषा में मुहावरा एवं कहावत का प्रयोग बखुबी होता है। कई असहज बातों को इससे आसानी से समझा जाता है। आइये इसे जाने…

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सैन्दा गांव की करम कहानी

4 days 15 hours ago
सैन्दा गांव की करम कहानी admin Tue, 09/03/2024 - 15:34

प्रस्तुत फोटो ग्राम सैन्दा, थाना सिसई, जिला गुमला (झारखंड) के करम परब पूजा-पाठ के बाद विसर्जन के समय का है। गांव के युवक-युवती भादो एकादशी को श्रद्धा भक्ति के साथ करम पेड़ की तीन डाली को लाकर गांव के पहान को सौंपते हैं। गांव के पहान, करम की डाली को श्रद्धा पूर्वक अखड़ा के बीच स्थापित करते हैं और गांव के सभी जनों के लिए करम देव एवं ईश्वरीय शक्ति से प्रार्थना करते हैं। बाद में सभी उपवास किये करमईत गण परम्परागत रूप से पूजा अराधना करते हैं। फिर दूसरे दिन दोपहर के बाद 3-4 बजे विसर्जन के लिए नाचते गाते पानी में बहा दिया करते हैं। विसर्जन के लिए गांव से बाहर पानी में बहाने के लिए ले जाने के समय का

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धूमकुड़िया जमटोली बेड़ो में सीता तिर्की द्वारा बच्चों को सिखाने का प्रयास

2 weeks ago
धूमकुड़िया जमटोली बेड़ो में सीता तिर्की द्वारा बच्चों को सिखाने का प्रयास

यह विडियो दिनांक 22.08.2024 दिन वृहस्पतिवार को कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि शिक्षण केन्द्र जामटोली, बेड़ो में चल रहे केन्द्र का विडियो है। यहां टाटा स्टील फाउंडेशन जमशदेपुर तथा अद्दी कुंड़ुख़ चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा, रांची द्वारा कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि शिक्षण  केन्द्र, जामटोली में चलाया जा रहा है। छोटे बच्चे पारम्परिक रूप से मौसमी राग एवं गीत गा रहे हैं। यह सुखद अहसास है। साथ ही अपने स्कूली शिक्षा का यहां अभ्यास करने का भी अवसर मिलता है। आइए बच्चों द्वारा गाए जा रहे मौसमी उरांव गीत सुनने के लिए विडियो का आनंद लिया जाए.. 

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कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला टी.सी.सी.जमशेदपुर में सम्पन्न 

2 weeks 3 days ago
कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला टी.सी.सी.जमशेदपुर में सम्पन्न 

दिनांक –1 6 अगस्त से 20 अगस्त 2024 तक टाटा स्टील फाउंडेशन ,जमशेदपुर की सहयोगी संस्था अद्दी कुंडुख चाला धुमकुड़िया पड़हा अखड़ा,रांची एवं उरांव सरना समिति, चक्रधरपुर, पश्चिमी सिंहभूम  द्वारा संचालित एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट के अंतर्गत  "तोलोङ सिकि सह कुंडुख भाषा शिक्षक-संयोजक प्रशिक्षण" 5 दिवसीय आवासीय कार्यशाला टी॰सी॰सी॰ सोनारी(जमशेदपुर) में सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ । इस आवासीय कार्यशाला में पूर्वी सिंहभूम ,पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला –खरसंवां के 45 कुंड़ुख़ भाषा शिक्षक/शिक्षिका, समन्वयक एवं कार्यालय सहायक ने भाग लिया । कार्यशाला में प्रशिक्षण देने के लिए तोलोङ सिकि (लिपि) के जनक डा॰नारायण उर

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विश्व आदिवासी दिवस पर बीएस काॅलेज ऑडिटोरियम सभागार में कुँडुख़ भाषा की हुई चर्चा

3 weeks 6 days ago
विश्व आदिवासी दिवस पर बीएस काॅलेज ऑडिटोरियम सभागार में कुँडुख़ भाषा की हुई चर्चा

दिनांक 09/08/2024 को बीएस काॅलेज लोहरदगा ऑडिटोरियम सभागार में समस्त आदिवासी  संगठन लोहरदगा  की  ओर से भव्य विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया।  संजीव भगत पड़हा संयोजक ने बताया कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुरे बुधुवीर सेना को लगाया गया था। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य -विभिन्न कुँड़ख़ संगठनो को जोड़ कर अपनी हक-अधिकार ,भाषा-लिपि धर्म- संस्कृति का संरक्षण करना । पड़हा व्यवस्था को मजबूत करना ।,आदिवासियों पर शोषण अत्याचार से रक्षा करना  तथा साथ  मिलकर त्योहार आदि को मनाना है। कार्यक्रम का नेतृत्व पड़हा दिवान विनोद भगत "हिरही" एवं पड़हा संयोजक संजीव भगत ने किया। 9 अगस्त  की तैयारी  को लेकर दर्जनो

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विश्‍व आदिवासी दिवस 2024 की ढ़ेर सारी बधाई और शुभकामनाएं

4 weeks 1 day ago
विश्‍व आदिवासी दिवस 2024 की ढ़ेर सारी बधाई और शुभकामनाएं

आदिवासी समाज अपने संगीत-नृत्‍य के लिये मशहूर है। ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन लगभग हर त्‍योहार और खास मौके पर अवश्‍य होता है। खास कर गांवों में तो जैसे यह दिनचर्या है। आज आदिवासी दिवस है। पूरी दुनिया में यह मौका आदिवासियों के लिये खास है। ऐसे में संगीत नृत्‍य न हो यह कैसे संभव है। तो लीजिए आज लुत्‍फ उठाइये आदिवासी नृत्‍य का ।

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छिन्न-भिन्न होती आदिवासियत

1 month ago
छिन्न-भिन्न होती आदिवासियत admin Wed, 08/07/2024 - 08:47

“आदिवासियत” शब्द का मतलब आदिवासी जीवनशैली, संस्कृति, परंपराओं, और जीवन मूल्यों से है जिसे आदिवासी समुदय अपने आत्मीयता में संरक्षित रखते हैं। यह उन समुदायों की पहचान और धरोहर को संदर्भित करता है जो प्राचीन काल से अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक और सामाजिक संरचनाओं के साथ जुड़े हुए हैं। 
यूनेस्को (UNESCO) के अनुसार  आदिवासियत को निम्नलिखित बिन्दुओं से परिभाषित कर सकते हैं:
1.    सांस्कृतिक धरोहर: आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक धरोहर में उनके रिवाज, त्योहार, पारंपरिक नृत्य, संगीत, और कला शामिल हैं। यह धरोहर उनके धार्मिक विश्वासों, मिथकों, और पारंपरिक ज्ञान में भी परिलक्षित होती है।

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जमशेदपुर एवं सरायकेला-खरसावां में एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट के भाषा शिक्षकों की परीक्षा संपन्न

1 month ago
जमशेदपुर एवं सरायकेला-खरसावां में एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट के भाषा शिक्षकों की परीक्षा संपन्न

दिनांक 30/07/2024 को धुमकुड़िया बिरसा नगर, जोन नंबर- 6, जमशेदपुर में संचालित सभी सेंटर के शिक्षकों की परीक्षा ली गई। वहीं दिनांक 01/08/2024 को सरायकेला/ सीनी के बाबा कार्तिक उरांव पुस्तकालय (शहरबेड़ा) में टाटा स्टील फाउंडेशन की सहकार्यता से अद्दी अखड़ा संस्था, रांची द्वारा संचालित एजेरना बेड़ा प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया गया। जिसमें टाटा स्टील फाउंडेशन के अधिकारी श्री देवराज मुंडा, सहकर्मी सुश्री गीता कोया और श्री धर्मेंद्र उरांव की उपस्थिति में परीक्षा संपन्न हुई । नए सत्र 2024-2025 के लिए कुँड़ुख भाषा शिक्षकों के वार्षिक प्रगति स्तर जॉंचने हेतू यह परीक्षा का आयोजन किया गया। छः सेंटरों में

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