Kurukh Times बहुभाषीय पत्रिका का छठा अंक प्रकाशित हो चुका है। अपनी खास साज-सज्जा और समृद्ध लेखों से परिपूर्ण यह पत्र…
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कुंड़ुख टाइम्स (वेब संस्करण) का अक्टूबर से दिसंबर 2022 / अंक 5 का यह संस्करण काफी पठनीय है। आप इसे यहां ऑनलाइन पढ…
धुमकुड़िया, उराँव आदिवासी समाज की एक पारम्परिक सामाजिक, व्यक्तित्व एवं कौशल विकास केन्द्र है। प्राचीन काल से ही यह, गा…
दिनांक 01 मई 2022, दिन रविवार को आदिवासी उराँव समाज समिति, बिरसा नगर, जोन न०-6, जमशेदपुर में ‘‘कुँड़ुख़ व्याकरण की पार…
आपको तो पता है कि हमारा-आपका एक और वेबसाइट KurukhTimes.com लम्बे समय से आपको कुंड़ुख जगत की खबरें, सूचनाएं और शोध आद…
कुंड़ुख़ भाषा में पहेलियों का प्रयोग बखुबी होता है। बच्चों के लिए यह बौदि्धक एवं भाषा विकास का एक अनोखा तरीका है जिसे स…
कुंड़ुख़ भाषा में मुहावरा एवं कहावत का प्रयोग बखुबी होता है। कई असहज बातों को इससे आसानी से समझा जाता है। आइये इसे जाने…
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रांची विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में कुंड़ुंख भाषा व तोलोंग सिकि को शामिल करने पर सहमति नहीं बनी
रांची: कुंड़ख भाषा एवं इसकी लिपि 'तोलोंग सिकि' को विश्वविद्यालय स्तर के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने को लेकर उद्वेलित कुंड़ुख भाषा-भाषी समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों रांची विश्वविद्यालय के कुलपति से भेंट की। कुलपति ने विषय को गंभीरता से लेते हुए एक मार्च 2024 का दिन तय किया और प्रतिनिधिंडल को बताया कि उस दिन कुंड़ुख समाज के लोग एवं विद्यार्थी तथा क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषा विभाग के शिक्षाविदों के बीच इस विषय पर एक बैठक होगी। तय समय पर हुई इस बैठक में कुड़ुख भाषा एवं उसकी लिपि तोलोंग सिकि को विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में शामिल करने पर कोई निर्णय नहीं हो पाया। इसमें क्षेत्रीय एव
इंटरमीडियट काउंसिल, रांची विवि एवं कुंड़ुंंख समाज का अन्तर्द्वन्द्व : नीतू साक्षी टोप्पो
शोधार्थी नीतू साक्षी टोप्पो का पठनीय आलेख जिसमें कुंड़ुंख भाषा एवं लिपि को लेकर झारखंड अधिविद्य परिषद, रांची विश्वविद्यालय के कुंड़ुंख भाषा विभाग और कुड़ुंख भाषा-भाषी उरांव समाज के अंतर्द्वन्द्व को विस्तार से बताया गया है। पूरा आलख पढ़ें नीचे पीडीएफ में..
कुंड़ुंख भाषा की लिपि तोलोंग सिकि को बीए/एमए में शामिल करने हेतु Ranchi Univ के VC से मिला आदिवासी प्रतिनिधिमंडल
BA एवं MA के कुँडुख़-भाषा विषय के पाठ्यक्रम में कुँडुख़ भाषा की लिपि तोलोंग-सिकि को शामिल कराने तथा पठन- पाठन कराने के लिए पारंपारिक स्वशासन पड़हा व्यवस्था गुमला, लोहरदगा, रांची के बेल राजाओं एवं सदस्यों ने कुलपति, रांची विश्वविद्यालय (रांची) से मुलाकात की। कुलपति महोदय ने अपनी व्यस्तता के बावजूद काफी समय निकाल कर प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। कुलपति महोदय ने बताया कि महामहिम राष्ट्रपति के झारखंड आगमन को लेकर उनकी व्यस्तता काफी बढ़ी हुई है। बावजूद इसके कुलपति ने यह आश्वासन जरूर दिया कि वह जल्द ही पुन: इस प्रतिनिधिमंडल के साथ 01 मार्च को बातचीत करके मामले का समाधान निकाल लेंगे। हालांकि
कुंड़ुखटाइम्स त्रैमासिक पत्रिका का अंक 8 करम विशेषांक
कुंड़ुखटाइम्स त्रैमासिक पत्रिका का अंक 8 करम विशेषांक (जुलाई से सितम्बर 2023) नीचे पीडीएफ में ऑनलाइन पढ़ें या डाउनलोड करके रख लें। बिल्कुल नि:शुल्क..
धुमकुड़िया शंकोसाई (मानगो) का निरीक्षण कार्यक्रम
यह विडियो धुमकुड़िया शंकोसाई, रोड नं 5, मानगो, जमशेदपुर का है। यहां सप्ताह में तीन दिन अपनी मातृभाषा कुंड़ुख़ में तोलोंग सिकि के साथ पढ़ाई लिखाई होती है। यह टाटा स्टील फाउण्डेशन जमशेदपुर एवं अद्दी अखड़ा रांची के संयुक्त तत्वाधान में में तकनीकी मदद किया जाता है। इस धुमकुड़िया भाषा शिक्षण केन्द्र में केन्द्र शिक्षिका सुश्री अरुणा लकड़ा हैं तथा केन्द्र संयोजक सुश्री गीता कोया जी हैं। इस का निरीक्षण, तोलोंग सिकि के संस्थापक तथा अद्दी अखड़ा रांची के संयोजक डॉ नारायण उरांव द्वारा दिनांक 12 जनवरी 2024 दिन शुक्रवार को संध्या 6.00 बजे किया गया। यहां मानगो जमशेदपुर जैसे लौह नगरी क्षेत्र में कुंड़ुख़
कुल्ली (बेड़ो, रांची) धुमकुडि़या में नृत्य-संगीत
यह विडियो धुमकुड़िया, कुल्ली, बेड़ो, रांची का है। इस धुमकुड़िया में उरांव समाज का गीत संगीत, नाच गान के साथ कुंड़ुख़ भाषा तोलोंग सिकि की पढ़ाई लिखाई होती है। इस भाषा लिपि पढ़ाई लिखाई योजना को टाटा स्टील फाउण्डेशन जमशेदपुर एवं अद्दी अखड़ा रांची के संयुक्त क्रियान्वयन में तकनीकी मदद किया जाता है। इस धुमकुड़िया कुल्ली सेन्टर की शिक्षिका सुश्री रजनी उरांव है। यहां के बच्चों का शिक्षण कार्यक्रम प्रसंशनीय है। आइए विडियो देखें -